हताश और निराश लोग अब करेंगे दुष्प्रचार रहे सावधान – सूर्यकांत धस्माना की अपील
रिपोर्ट – आशीष तिवारी
उत्तराखंड में चुनाव घोषित होते ही टिकट के दावेदारों और पार्टी की अंदरूनी खींचतान अब खुलकर दिखने लगी है। लम्बे समय से एक ही विधान सभा में कई कई दावेदार अपनी ज़मीन तैयार करते रहे हैं लेकिन सच तो ये हैं की पार्टी का टिकट टू इलेक्शन एक को ही मिलता है लिहाज़ा विरोध और बगावती घटनाये होना भी लाज़मी है। ऐसे में अब कैंट विधान सभा से दावेदार सूर्यकान्त धस्माना का एक बयान काफी चर्चित हो रहा है। न्यूज़ वायरस के कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी से ख़ास बातचीत में मेनिफेस्टो कमिटी के चेयरमैन सूर्यकान्त धस्माना का कहना है कि हताश और निराश लोग अपने घिसे पिटे दुष्प्रचार के एजेंडे में लग गए हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं व आम जनमानस को इस प्रकार के दुष्प्रचार से सावधान रह कर पूरे मनोयोग से सेवा कार्यों में सहयोग की अपील आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने की।
खास बातचीत में बोलते हुए धस्माना ने कहा कि पूरे राज्य व देहरादून की संभ्रांत जनता इन हताश व निराश लोगों के दुष्प्रचार के तरीकों से परिचित है और मेरे व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा व पृष्ठभूमि के बारे में जानती है।उन्होंने कहा कि डीएवी महाविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष से लेकर अब तक के 34 वर्षों के मेरे संघर्ष व सेवा को देहरादून की जनता ने देखा और परखा हुआ है। कोविड काल हो या सामान्य काल जब भी किसी ने पुकारा मैं सेवा के लिए हाजिर हुआ और अपनी पूरी सामर्थ्य से सेवा करने की कोशिश की,पूरे कोविड काल में जरूरतमंद लोगों को राशन पहुंचाने से लेकर तड़पते लोगों को ऑक्सीजन,दवा और रेमेडिसेवर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के प्रयास किये।
देहरादून में उत्तर भारत का पहला ऑक्सीजन बैंक स्थापित करने वाले धस्माना ने कहा कि उनकी सेवा व समर्पण की गतिविधियों से परेशान मित्र अब एक बार फिर चुनाव आते ही अपने परमधर्म दुष्प्रचार में लग गए हैं और पूरे चुनावकाल में वे तरह तरह की अफवाहें व असत्य बातों को फैलाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ हताश व निराश लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म का दुरूपयोग कर तरह तरह के दुष्प्रचार करने में लगे हैं जिसका कोई प्रभाव जनता में नहीँ पड़ने वाला है । अब ये इशारा अंदरूनी विरोधिये के लिए है या विपक्षी पार्टियों के लिए , इसका आंकलन तो पाठक भली भांति लगा लेंगे। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस को अगर भाजपा के हाँथ से सत्ता की कुर्सी हथियानी है तो मिलकर एक साथ एक उम्मीदवार के लिए लड़ना होगा न कि आपस में एक दूसरे से, क्योंकि इसमें नुक्सान पार्टी को और फायदा भाजपा को हो सकता है।