विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है .देवभूमि उत्तराखंड भी 14 फरवरी को मतदान कर अपनी नई सरकार चुनेगी युवाओं के हाथ में इस बार निर्णायक वोट बैंक है .इसके साथ ही साथ महिलाओं के संघर्षों से वजूद में आए उत्तराखंड में महिलाएं भी इस बार बड़ी भूमिका निभाएंगी ..जब 14 फरवरी को ईवीएम का बटन दबाएंगी। परंपरागत तौर पर देखें तो उत्तराखंड में बीते 20 सालों में भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ही शासन काल रहा है।
हालांकि इस दौरान कुछ पर्वतीय पार्टियों के नेता और निर्दलीय चुनाव जीतकर सरकार में मलाई भी काटते रहे हैं। लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के नाम पर उत्तराखंड हमेशा खाली हाथ रहा है। हालांकि यूकेडी ने कुछ कोशिश तो जरूर की लेकिन आंतरिक गुटबाजी और निजी स्वार्थ के चलते यूकेडी भी आज हाशिए पर है। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी लगभग खत्म हो चुकी है , ऐसे में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों में अहम भूमिका निभाने वाली और बीते कई सालों से उत्तराखंड के गांव-गांव तक जनसेवा से पहचान बनाने वाली भावना पांडे 2022 के चुनावी रण में नए अंदाज में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं।
प्रदेश के कोने-कोने में होल्डिंग बैनर पोस्टर और अपने दौरों से जनता का मन टटोलने के बाद भावना पांडे ने जनता कैबिनेट पार्टी के नाम से एक बड़े राजनीतिक दल का गठन किया है। टीवी न्यूज़ वायरस के कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया आम आदमी जिसमें महिलाएं किसान युवा और बेरोजगार शामिल है , उन्हें जेसीपी यानी उनकी पार्टी जनता कैबिनेट पार्टी उम्मीदवार बनाकर भाजपा और कांग्रेस के सामने पड़ाव विकल्प खड़ा कर रही है।
इसके लिए उन्होंने बीते कोरोना काल में हल्द्वानी से लेकर देहरादून तक , गढ़वाल और कुमाऊं के चप्पे-चप्पे की खाक छानी है। लोगों से मिलकर पलायन बेरोजगारी और शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर रायशुमारी की है , जिसके बाद उन्हें लगा कि मुख्यधारा में आकर ही प्रदेश की शक्ल ओ सूरत बदली जा सकती है।
लिहाजा आज उन्हें लोग उत्तराखंड की बेटी के तौर पर समर्थन दे रहे हैं और बड़ी संख्या में नई नवेली जनता कैबिनेट पार्टी का जनाधार बढ़ाने में भूमिका निभा रहे हैं। प्रत्याशियों की बात करें तो जनता कैबिनेट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने बताया कि फिलहाल वह भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट का इंतजार कर रही हैं। क्योंकि इस वक्त उनके संपर्क में दोनों ही पार्टियों के कई बड़े नेता विधायक पूर्व विधायक , पूर्व मंत्री और पार्टी कार्यकर्ता है..ऐसे में जब उत्तर प्रदेश उत्तराखंड में दल बदल और पार्टी से आने-जाने का सिलसिला तेज है वह कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। लिहाजा डेढ़ सौ से ज्यादा उम्मीदवारों की लिस्ट उनकी टेबल पर तैयार है जिसकी घोषणा जल्द कर देंगी। हरीश रावत हों या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी या फिर आप के अरविंद केजरीवाल ,अपने बयानों के तीखे तीर छोड़ने वाली भावना पांडे आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर काफी आश्वस्त है और कह रही है कि अगर उत्तराखंड को विकास करना है तो इन दो पार्टियों के मकड़जाल से बाहर निकलना होगा। बुजुर्ग नेताओं को घर बिठाना होगा और दागी और भ्रष्टाचारी नेताओं को सबक सिखाने के लिए स्वच्छ और साफ-सुथरी छवि के पढ़े-लिखे नौजवानों को विधानसभा सदन में भेजना होगा।
जिसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी जेसीपी का चुनाव निशान भी क्रेन रखा है ताकि जो लोग सालों से जमे बैठे हैं उन्हें उनके चुनाव चिन्ह क्रेन के ज़रिये राजनैतिक लड़ाई जीतकर सियासी मैदान से बाहर किया जा सके। देखना होगा कि आने वाले दिनों मे जब भावना पाण्डे अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेंगी तो उसमें किन किन चौकाने वाले नामों का खुलासा होगा।