Bone health: हड्डियों से आ रही वाली कट-कट की आवाज तो सावधान ये 3 बीमारियां हो सकती हैं

विशेष रिपोर्ट – मेहविश फ़िरोज़
हड्डियों और जोड़ों में कभी-कभी चटकने या टक-टक की आवाज आना बहुत आम है और यह आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है। इसका यह मतलब नहीं है कि आपको जोड़ों की गठिया जैसी कोई गंभीर बीमारी है। जोड़ों से ऐसी आवाज आना कई बार राहत की भावना प्रदान कर सकता है और आपको जोड़ में अधिक गति प्रदान कर सकता है।  एक अध्ययन से पता चला है कि जोड़ों में क्यों इस तरह की आवाज आती है और इसके वैज्ञानिक कारण क्या हो सकते हैं।एक्सपर्ट मानते हैं कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जोड़ों में इस तरह की आवाज आना बढ़ सकता है। इसका कारण यह है कि उम्र बढ़ने से जोड़ों के कुछ कार्टिलेज खराब हो जाते हैं। कई बार इस तरह की आवाज दर्द या सूजन के साथ होती हैं, या चोट लगने के बाद होती हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से संपर्क करना बेहतर होता है जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई अंतर्निहित परेशानी तो नहीं है।हड्डियों में आवाज आने को क्रैकिंग या पॉपिंग भी कहा जाता है और इसे मेडिकल भाषा में क्रेपिटस के रूप में जाना जाता है। साल 2017 के एक छोटे से अध्ययन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में इस स्थिति से 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत मामले देखने को मिले। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को उंगलियों को चटकाने की आदत होती है, उनके शरीर के अन्य जोड़ों में इस तरह की आवाज आने की संभावना भी अधिक होती है। चलिए जानते हैं इसके मुख्य कारण क्या हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है।
जोड़ों के क्रैकिंग के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। यह सामान्य है और आमतौर पर हड्डी के स्वास्थ्य की स्थिति का संकेत नहीं है। वास्तव में इस तरह की आवाज को अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है। हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला- जैसे-जैसे मांसपेशियों में खिंचाव होता है, यह जोड़ों के शोर का कारण बन सकता है। दूसरा- यह उम्र बढ़ने से हो सकता है और तीसरा कारण है गठिया।
यदि आपको उंगलियों या किसी जोड़ को फोड़ने की आदत है, तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। इस तरह के लोग अक्सर अपने जोड़ों, गर्दन, या पीठ को चटकाने की कोशिश करते रहते है।
फिजिकल एक्टिविटीज में बिजी रहने से इससे बचा जा सकता है। यदि आप ज्यादा बैठे रहते हैं या एक ही स्थिति में बहुत अधिक खड़े होते हैं, तो आप अकड़ सकते हैं और आपके जोड़ों में आवाज आ सकती है। घूमने के लिए बार-बार ब्रेक लें। यदि आप पूरे दिन डेस्क पर बैठते हैं तो कम से कम हर आधे घंटे में उठने का लक्ष्य रखें।

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