
यह अध्ययन मेडरिव पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और कहा जा रहा है कि चौथी लहर चार महीने तक चल सकती है। आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने मिलकर यह अध्ययन किया है। जिसमें कहा गया है कि चौथी लहर की गंभीरता नए कोरोना वेरिएंट और टीकाकरण की स्थिति पर निर्भर करेगी।
इस अध्ययन को प्रकाशित करने वाले लेखकों के अनुसार अध्ययन के आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में चौथी लहर पहले कोरोना मामले मिलने के 936 दिन बाद आएगी। 30 जनवरी 2020 को कोरोना के पहले आंकड़े सामने आए थे।
इसलिए कोरोना की चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होकर 24 अक्टूबर 2022 तक चलेगी। यह 23 अगस्त के आसपास अपने पीक पर होगी। हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि इस बात की संभावना है कि कोरोना के नए वेरिएंट इस पूरे विश्लेषण को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा कहा यह भी जा रहा है कि कोरोना टीकाकरण भी काफी हद तक इसको प्रभावित कर सकता है।