जबलपुर में बनी देश की सबसे ताकतवर तोप धनुष का लोहा पूरी दुनिया मान रही है. 155 एमएम बैरल वाली धनुष की डिमांड दुनिया भर के कई देश कर रहे हैं. आने वाले दिनों में एक्सपोर्ट किए जाने वाले रक्षा उपकरणों में धनुष का नाम भी जुड़ सकता है. फिलहाल आयुध बनाने वाली फैक्ट्री प्रतिमाह तीन से चार धनुष गन के निर्माण पर फोकस कर रही है. एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWE) के सीएमडी और चेयरमैन राजेश चौधरी ने जबलपुर में यह बात कही.
जबलपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए देश की सरकारी डिफेंस फैक्ट्री में अब नया वर्क कल्चर विकसित हो रहा है और यहां भारतीय सेना की जरूरत के साजो-सामान की आपूर्ति के साथ एक्सपोर्ट के लिए भी रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया जा रहा है. फिलहाल 5000 करोड़ रुपये के आर्डर है और इस साल का उत्पादन लक्ष्य 14,00 करोड़ का रखा गया है.
सीएमडी ने कहा कि फिलहाल आयुध निर्माणी का फोकस एक्सपोर्ट पर ज्यादा है.एक्सपोर्ट प्रमोशन और सेल को बेहतर करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये जा रहे है और इसका नतीजा भी मिलने लगा है.आयुध निर्माणी से एमपीवी व्हीकल और 120 एमएम मोर्टार का एक्सपोर्ट अन्य देशों को किया जा चुका है . निगमीकरण हो जाने के बाद अब दुनियाभर के तमाम आयुध क्षेत्र से जुड़े निजी और सरकारी उपक्रमों के साथ प्रबंधन बातचीत कर रहा है.