भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है. यानी कि अगर आप किसी और देश की नागरिकता चाहते हैं तो आपको भारत की नागरिकता छोड़नी होगी। विदेश में बसे और वहाँ की नागरिकता ले चुके भारतीय लोगों के लिए एक ख़ास तरह की सुविधा का नाम है ओसीआई कार्ड. ओसीआई का मतलब है–ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ़ इंडिया.दरअसल, दुनिया के कई देशों में दोहरी नागरिकता की सुविधा है, लेकिन भारतीय नागरिकता कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसे अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है. ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है जो अमरीका, ब्रिटेन या कनाडा जैसे देशों की नागरिकता ले चुके हैं लेकिन उनका भारत से जुड़ाव बना हुआ है.
इन लोगों को भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद, भारत आने के लिए वीजा लेना पड़ता था. ऐसे ही लोगों की सुविधा का ख्याल करते हुए 2003 में भारत सरकार पीआईओ कार्ड का प्रावधान किया। पीआईओ का मतलब है- पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन. यह कार्ड पासपोर्ट की ही तरह दस साल के लिए जारी किया जाता था। इसके बाद भारत सरकार ने प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर 2006 में हैदराबाद में ओसीआई कार्ड देने की घोषणा की। काफ़ी समय तक पीआईओ और ओसीआई कार्ड दोनों ही चलन में रहे लेकिन 2015 में पीआईओ का प्रावधान खत्म करके सरकार ने ओसीआई कार्ड का चलन जारी रखने की घोषणा की। ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है, साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीजा के भारत आ सकता है. ओसीआई कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है। भारतीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, ओसीआई कार्ड के धारकों के पास भारतीय नागरिकों की तरह सभी अधिकार हैं लेकिन चार चीज़ें वे नहीं कर सकते-
- चुनाव नहीं लड़ सकते
- वोट नहीं डाल सकते
- सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर नहीं हो सकते
- खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकते