देहरादून से कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट –
केरल में हाल ही में ज़ीका वायरस के तीन और मामले सामने आए हैं। जिसके बाद अब वहां कुल 18 मामलों की पुष्टि हुई है। क्योंकि वायरस आमतौर पर मच्छर काटने से फैलता है, इसलिए मच्छरों से सुरक्षा एक महत्वपूर्ण उपाय है। गर्भवती महिलाओं, प्रजनन आयु की महिलाओं और छोटे बच्चों पर ख़ासतौर पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा इस बीमारी से जुड़ी ऐसी बातें भी हैं, जिनमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। ऐसे में ज़ीका वायरस से जुड़े मिथकों को पहचानने के लिए सच जानना ज़रूरी है।
भारत में लोग अभी कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर से उभर ही रहे है कि केरल में ज़ीका वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, जिसमें डॉक्टर और हेल्थ केयर स्टाफ भी शामिल है। ज़ीका वायरस संक्रमण एडीज़ जीन से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इसके साथ ही ज़ीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिला से उसके नवजात बच्चे में, वायरस से संक्रमित शख्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने और ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी फैल सकता है। इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, सिर दर्द, त्वचा पर रैशेज़, आंख लाल होना (कंजक्टिवाइटिस) और जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। वहीं, ये लक्षण दिखने में 3-12 दिनों तक का समय लग जाता है। आपको बताते हैं कैसे आप सुरक्षित रह सकते हैं –
1. अगर महिला गर्भवती है, तो उन जगहों पर जाने से बचना चाहिए जो ज़ीका वायरस से प्रभावित हैं। इसमें रोग नियंत्रण और बचाव केंद्र भी शामिल हैं।
2. अगर कोई गर्भवती महिला ऐसे किसी जगह गई भी है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
3. अगर कोई पुरुष या महिला ऐसी जगह रहते हैं, जहां ज़ीका वायरस संक्रमण फैला हुआ है, तो उन्हें शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। खासतौर पर ऐसी जगह पुरुषों को गर्भवती महिला से भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
4. ज़ीका वायरस से प्रभावित किसी इलाके में जाते समय ज़रूरी सावधानी बरतें।
आसपास करें ये इंतज़ाम
1. घर के अंदर और आसपास के इलाके की भी साफ सफाई का ध्यान रखें
2. कहीं भी कूड़ा करकट या पानी इकट्ठा न होने दें, क्योंकि इससे मच्छर पनप सकते हैं
3. दिन में जिस समय मच्छर ज़्यादा आते हैं, जैसे सुबह-शाम घर के खिड़की दरवाज़े बंद रखें, ताकि मच्छर घर में न आ सकें
4. घर से बाहर निकलते वक्त ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर ढंके रहें, ताकि मच्छर के काटने का डर न हो। मच्छरों से बचने के लिए बाज़ार में उपलब्ध प्रोडक्ट्स की मदद भी ली जा सकती है। जैसे क्रीम, स्प्रे आदि