हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने एक बार फिर बाजी मारी है. बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ 273 सीटें जीतकर सत्ता में धमाकेदार तरीके से वापसी की है. इन चुनावों में बीएसपी महज़ एक सीट पर सिमट कर रह गई है. चुनावी नतीजों के आंकड़े बता रहे हैं कि बीएसपी का मुस्लिम वोट जहां समाजवादी पार्टी की तरफ खिसक गया है, वहीं दलित वोट बीजेपी की तरफ चला गया है. ऐसे में बीजेपी पर दलितों को सरकार में बड़ी हिस्सेदारी देने का दबाव है. माना जा रहा है कि बीजेपी की सरकार में एक दलित उपमुख्यमंत्री हो सकता है.हालांकि उत्तर प्रदेश में दलित उपमुख्यमंत्री का बनना कोई बड़ी बात नहीं होगी. प्रदेश में बीएसपी प्रमुख मायावती चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. पहली बार वो 1995 में बीजेपी के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बनी थीं. उसके बाद 1997 में छह महीने के लिए और 2002 में लगभग दस महीने के लिए वो बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बनी थीं. 2007 में वो बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ मुख्यमंत्री बनीं और उन्होंने पहली बार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया.2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी दलितों की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. चुनाव में जीत के बाद बीजेपी अब प्रदेश में अगली सरकार के गठन की तैयारियों में जुट गई है. नई सरकार में तीन डिप्टी सीएम रखे जाने की चर्चा है. वहीं, इस बार योगी कैबिनेट का चेहरा बदला हुआ होगा. कई नए चेहरे दिख सकते हैं. सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में पूरी तवज्जो देने की तैयारी है. माना जा रहा है कि बीजेपी हर वर्ग को साधकर 2024 लोकसभा चुनाव के लिए राह को आसान बनाने की तैयारी इस मंत्रिमंडल गठन से करेगी. महिला वोटरों के दम पर यूपी में डंका बजाने वाले योगी अपने मंत्रिमंडल में बेबी रानी मौर्य को डिप्टी सीएम बना सकते हैं. इसकी प्रबल संभावना है. उनके अलावा कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आ सकते हैं.