ईवीएम से कैसे होती है मतगणना – जानिए काउंटिंग से रिजल्ट तक पूरी प्रक्रिया

विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी अभी कुछ चरण के मतदान की प्रक्रिया जारी है। भले ही अभी से ईवीएम की सुरक्षा उसकी सत्यता और तकनीकी खामियों पर खूब नुक्ताचीनी की जा रही है।  लेकिन सभी विवादों को दरकिनार करते हुए दस मार्च को पुरे देश की नज़र ईवीएम के खुलने और नतीजों पर होंगी। आपको बता दें कि उत्तराखंड सहित देश के पांच राज्यों में 10 मार्च को मतगणना होनी है। मतगणना में तैनात होने वाले कर्मचारियों को मतगणना से संबंधित प्रशिक्षण पूर्व में दिया जाता है। इन कर्मचारियों की तैनाती किसी विधानसभा और किसी टेबल पर होनी है। यह मतगणना दिवस के दिन ही पता चलता है। जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना दिवस के दिन सुबह पांच बजे मतगणना कर्मियों की तैनाती के लिए रेंडमाइजेशन कंप्यूटर के जरिये करते हैं। जिसके बाद सुबह छह बजे मतगणना कर्मी मतगणना स्थल पर पहुंच जाते हैं। जिसके बाद उन्हें अपनी टेबल की जानकारी मिलती है।ऐसे शुरू होती है मतगणना की प्रक्रिया

मतगणना के दिन सुबह छह बजे तक मतगणना केंद्र के भीतर मतगणना कर्मचारी, विभिन्न दलों के अभिकर्ता को प्रवेश दिया जाता है। अभिकर्ताओं को मतगणना स्थल तक पहुंचने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से प्रवेश कार्ड बनाने होते हैं। मतगणना की टेबल के निकट अभिकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था की जाती है। इस क्षेत्र में मतगणना अधिकारी कर्मचारियों और अभिकर्ताओं को फोन, कैमरा सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री वर्जित होती है।

सबसे पहले होती है पोस्टल बैलेट की गिनती

मतगणना दिवस पर सुबह 8 बजे मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया में सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। संबंधित विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी पोस्टल बैलेट को संबंधित विधानसभा की मतगणना टेबल तक भेजते हैं। इसलिए सबसे पहले पोस्टल बैलेट मतों का परिणाम जारी होता है। भले ही पोस्टल बैलेट की गिनती उस स्थिति में दोबारा करवाई जाती है जब किसी प्रत्याशी की जीत और हार में पोस्टल बैलेट के मत महत्वपूर्ण हो रहे हों।

रिजल्ट का बटन दबाते ही प्रदर्शित होती हैं मतों की संख्या

मतगणना टेबल पर मतगणना की पूरी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी मतगणना अभिकर्ताओं को बताते हैं कि कैसे ईवीएम कंट्रोल यूनिट का बटन दबाते हैं, जिसके बाद हर उम्मीदवार के मतों की संख्या दिख जाती है। जैसे मतगणना अधिकारी ईवीएम कंट्रोल यूनिट में रिजल्ट बटन का दबाता है तो हर उम्मीदवार को पड़े मतों की संख्या आ जाती है। इसी प्रक्रिया के दौरान मतों की गिनती कर रहा कर्मचारी हर उम्मीदवार को पड़े मतों की संख्या निर्वाचन आयोग की ओर से जारी पत्र में लिखकर उसे रिटर्निंग ऑफिसर को देता है।

प्रत्येक राउंड का किया जाता है मिलान

मतगणना के दौरान प्रत्येक राउंड के बाद ईवीएम कंट्रोल यूनिट डाटा और शीट में भरे गए डाटा का मिलान किया जाता है। मिलान के बाद इसे रिटर्निंग ऑफिसर और प्रत्याशियों के एजेंटों को भी नोट कराया जाता है। इसके अलावा मतगणना स्थल पर लगे बोर्ड पर प्रत्येक राउंड के बाद वोटों की गिनती चस्पा की जाती है। जिससे पूरी पादर्शिता बनी रहे। मतगणना की गिनती की प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक मतगणना पूरी नहीं होता जाती। मतगणना समाप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र जारी करता है।

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