प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार के फर्स्ट टाइम रिस्पांडर बनेंगे संकटमोचक

आशीष तिवारी की विशेष रिपोर्ट –

प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में रिज़ल्ट ओरिएंटेड ऑफिसरों में आईएएस डॉ0 आर. राजेश कुमार का नाम टॉप लिस्ट में शामिल है।देहरादून के डीएम रहते हुए प्रशासनिक सुधार रहा हो या स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को तेज़ी से आगे बढ़ाने का कौशल , डॉ आर. राजेश कुमार ने सरकार की हर उम्मीद और चुनौती को बखूबी पूरा किया है। यही वजह है कि धामी सरकार ने उन्हें अब बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। जबसे उन्हें प्रदेश की चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य सेवा का ज़िम्मा मिला है डॉ कुमार ने पहले दिन से ही अपनी प्रभावशाली कार्य योजना तैयार कर ली है।

प्रभारी सचिव राजेश कुमार का कहना है कि दूरस्थ इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था की बहुत समस्या बहुत है. इसे आसानी से सुधार पाना भी विषम भौगोलिक परिस्थियों को देखते हुए मुश्किल है. ऐसे में 2 विकल्प तलाशे जा रहे हैं. पहला हेली सेवा की लैंडिंग के लिए व्यव्स्था और दूसरा गांव में ही फर्स्ट टाइम रिस्पांडर तैयार करना. जिसपर हेल्थ डिपॉर्टमेन्ट के सभी अधिकारियों के साथ रोडमैप बनाया जा रहा है.प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इसके लिए टीम गोल्डन ऑवर पर काम करेगी यानी 1 घंटे के अंदर जान बचाने के लिए किये जाने वाले उपाय का प्रयास किया जाएगा.हेल्थ डिपॉर्टमेन्ट अब अंदरूनी इलाकों में “फर्स्ट टाइम रिस्पॉन्डर” तैयार करने की प्लानिंग में है. जो पहाड़ों में किसी भी स्थिति में तुरन्त राहत के लिए पहुंच सकेगा. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में चिकित्सा को लेकर हमेशा समस्याएं बनी रहती हैं. यहां मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और अधिक है.

अनुभवी आईएएस अफसर डॉ आर राजेश कुमार के नेतृत्व में अब पहाड़ी इलाकों में कंधे और खाट पर मरीज़ों को लेकर अस्पताल जाने की मज़बूरियों को कम करने के लिए हेल्थ डिपॉर्टमेन्ट प्लान तैयार कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द पहाड़ के मरीजों को राहत देने की तैयारी में है. जिसमें फर्स्ट टाइम रिस्पॉन्डर यानी जो सूचना मिलते ही मौके पर इमरजेन्सी किट के साथ पहुंच सके, ऐसे लोगों की टीम बनाने की तैयारी की जा रही है.योजना के मुताबिक फर्स्ट टाइम रिस्पांडर को ट्रेनिंग दी जाएगी. यह गांव का ही कोई व्यक्ति हो सकता है. मेडिकल फील्ड से जुड़े व्यक्तियों को प्राथमिकता दिया जाएगा. प्लान के तहत गांव के ही किसी व्यक्ति को फर्स्ट टाइम रिस्पांडर बनाया जाएगा. जो सूचना पर तत्काल अपनी किट के साथ मरीज के घर पहुंचेगा. जहां मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जाएगा.उम्मीद की जानी चाहिए कि धामी सरकार के विजन और स्वास्थ्य सचिव के मिशन से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व बदलाव दिखाई देगा।

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