विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने उत्तराखंड के आगामी चुनावों के तहत पार्टी का घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें महिला वोटरों को लुभाने की पुरजोर कोशिश की गई है। इसके पहले प्रियंका गांधी देहरादून पहुंचकर अपने बेटे के स्कूल भी गईं। वह दून स्कूल पहुंची और वहां के शिक्षकों से मिलीं। वहीं जनसभा के दौरान प्रियंका गांधी ने अपने परिवार को देहरादून और उत्तराखंड से जोड़ा। उन्होंने कहा कि मेरे पिता, चाचा, मैं, मेरा भाई और मेरे बच्चे देहरादून में पढ़े हैं।
सबसे ज्यादा भीड़ कैंट में जुटी – धस्माना की म्हणत ने दिखाया रंग
देहरादून की सभी विधानसभा में सभी उम्मीदवारों ने अपनी अपनी विधानसभा में बड़ी भीड़ जुटाई और वर्चुअल रैली को कामयाब बनाने की कोशिस की लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ कैंट विधानसभा में दिखाई दी जहाँ हज़ारों की संख्या में सूर्यकान्त धस्माना के सार्थक पहुंचे और प्रियंका गाँधी के भाषण को सुना।
उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में कोई काम नहीं किया। सिर्फ जनता का पैसा बर्बाद किया है। कहा कि राज्य में सरकार जिस तरह काम कर रही है, उसे देखकर उन्हें बुरा लगा रहा है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र लान्च कर दिया है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दून में कांग्रेस के घोषणा पत्र ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र’ को जारी करते हुए इसमें शामिल मुख्य बातें बताई। पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार से लेकर महिलाओं तक को फोकस में रखा गया है।
जानिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या कुछ है खास –
– 21 तरह की पेंशन लागू करना।
-सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा मिलेगी।
-उत्तराखंड में कड़ा भू कानून बनाने का वादा।
– पहले साल 100 यूनिट बिजली फ्री और अगले साल 200 यूनिट बिजली का वादा।
– चार लाख लोगों को देंगे रोजगार।
– पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा। बनाया जाएगा खास पैकेज, बढ़ाया जाएगा रोजगार ।
पर्यटन पुलिस पोस्ट बना बढ़ाए जाएंगे रोजगार के अवसर।
– 40 प्रतिशत सरकारी रोजगार में महिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकता।
– पुलिस विभाग में 40 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए होंगे आरक्षित।
– आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा डेढ़ गुना।
– जिन परिवारों ने सबसे ज्यादा सही कोरोना की मार, उनको सालाना मिलेगी 40 हजार की मदद।
– गांव-गांव तक पहुंचाई जाएंगी स्वास्थ्य सेवाएं।