गहराता संकट: किन देशों में मिलेगी अफ़ग़ान नागरिकों को शरण, किन देशों ने पनाह देने से किया इनकार जानिए क्या होगा शरणार्थियों का भविष्य?

तालिबान ने जिस तरह से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कब्ज़ा कर लिया है, इससे वहां के लोगों में अफरातफरी का माहौल है. तालिबान के सख्त कानूनों और सजाओं से बचने के लिए हजारों की संख्या में लोग दूसरे देशों में जाने के लिए सीमाओं और एयरपोर्ट पर इकट्ठा हो गए.

चलिए आज हम आपको बतादें है किन देशों ने किया अफगान शरणार्थियों को लेने का ऐलान और किन देशों ने शरणार्थियों को लेने से किया साफ इनकार कर दिया है

किन देशों ने अफगान शरणार्थियों को स्वीकार करने की घोषणा की?

  1. ब्रिटेन

जिन देशों ने अब तक अफगानिस्तान से निकलने वाले लोगों को शरण देने का ऐलान किया है, उनमें सबसे ताजा नाम यूके का है. ब्रिटिश सरकार तकरीबन 20 हजार अफगान शरणार्थियों को बसाएगी.

  1. अमेरिका

इन शरणार्थियों को विस्कॉन्सिन में फोर्ट मैकॉय और टेक्सास के फोर्ट ब्लिस स्थित सैन्य ठिकानों पर रखा जाएगा. माना जा रहा है कि पहले चरण में ही अफगानिस्तान के 30 हजार नागरिकों को अमेरिका में बसाया जाएगा.

  1. भारत

भारत ने अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए घोषणा की कि वह यहां आने की इच्छा रखने वाले अफगान नागरिकों के लिए एक आपातकालीन ‘ई-वीजा’ जारी किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में कहा था कि अफगानिस्तान में फंसे अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने के इंतजाम किए जाएंगे.

  1. कनाडा

कनाडा ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास को बंद कर दिया और फिलहाल अफगान सरकार से अपने सारे राजनयिक रिश्तों को निलंबित कर दिया है. हालांकि, कनाडा की जस्टिस ट्रूडो सरकार ने पहले ही अफगान नागरिकों की मदद का ऐलान करते हुए कहा था कि वे 20 हजार लोगों को देश में पनाह देंगे.

 

  1. अल्बानिया

अफगानिस्तान से जारी भागे प्रवासियों को शरण देने के लिए अल्बानिया भी आगे आया है. वहां की सरकार ने अमेरिका की मदद करने वाले अनुवादकों के साथ सरकारी अफसरों और महिला नेताओं को लेने का आश्वासन दिया है.

 

  1. ताजिकिस्तान

ताजिक सरकार ने अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए जुलाई में ही एक लाख अफगान नागरिकों को शरण देने का ऐलान कर दिया था.

कौन से देश अस्थायी शरण देने के लिए तैयार हैं?

  1. मैकेडोनिया

उत्तरी मैकेडोनिया ने घोषणा की कि वह अफगानिस्तान के लोगों को अस्थायी तौर पर शरण देगा. फिलहाल इस देश ने 450 लोगों को शरण देने की बात कही है, इनमें ज्यादातर पत्रकार, ट्रांसलेटर और छात्र शामिल हैं.

  1. कतर

कतर से कहा गया है कि वह अमेरिकी सेना के साथ काम करने वाले लोगों को सुरक्षित रखे. सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह डील साइन होती है, तो करीब 8 हजार शरणार्थी कतर के दोहा पहुंच सकते हैं.

  1. युगांडा

युगांडा ने ऐलान किया कि वह अमेरिका की मांग पर अफगानिस्तान के शरणार्थियों को लेने पर विचार कर रहा है.युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने कहा कि वे मौजूदा संकट में किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हैं.

किन देशों ने शरणार्थियों को स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया?

  1. पाकिस्तान

अफगानिस्तान में मौजूदा संकट के लिए जिस देश को सबसे ज्यादा जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वह है पाकिस्तान. अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन के दौरान तालिबान के लड़ाकों को सुरक्षित पनाह देने वाले पाकिस्तान ने अब वहां के नागरिकों को भी लेने से इनकार कर दिया है.

  1. तुर्की

मौजूदा समय में तुर्की में अफगानिस्तान के सबसे ज्यादा नागरिक रह रहे हैं. यहां अफगान शरणार्थियों की संख्या करीब 1 लाख 20 हजार है. इसके अलावा सीरिया के 36 लाख नागरिक भी तुर्की में ही रखे गए हैं. इन स्थितियों को देखते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने अफगानिस्तान से आने वाले और लोगों को लेने से इनकार कर दिया है.

  1. हंगरी

हंगरी के एक अधिकारी ने हाल ही में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने की आलोचना की थी और कहा था कि वह किसी भी कीमत पर शरणार्थियों को नहीं लेगा. हंगरी के विदेश मंत्रालय के अधिकारी लेवंते मगयार ने कहा था कि सरकार खराब भौगोलिक फैसलों के लिए हंगरी के नागरिकों को कीमत नहीं चुकाने देगी.

  1. ईरान

ईरान ने कहा है कि वह पड़ोसी अफगानिस्तान से भागने वाले शरणार्थियों के लिए तीन प्रांतों में अस्थायी निर्माण कर रहा है. हालांकि, ईरान ने साफ कर दिया है कि उसकी एक सीमा है, जिसके आगे वह शरणार्थियों को नहीं ले सकता.

  1. उज्बेकिस्तान

हाल के महीनों में उज्बेकिस्तान के वीजा के लिए आवेदन देने वाले अफगान नागरिकों ने बताया कि मध्य एशियाई देश कोरोनावायरस की चिंताओं का हवाला देते हुए अफगान नागरिकों को वीजा देने से इनकार कर रहा है.

 

  1. बांग्लादेश

इस बीच भारत के पड़ोस में स्थित बांग्लादेश ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका की अपील के बावजूद अफगान नागरिकों को शरण नहीं दे सकता. बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने कहा है कि उनका देश पहले ही म्यांमार से आए  रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या झेल रहा है और ऐसे में वह अफगान नागरिकों को अपने यहां शरणार्थी नहीं बना सकता

क्या होगा अफगान शरणार्थियों का भविष्य?

अफगानिस्तान की शरणार्थी समस्या आने वाले समय में पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अनुमान जताया कि तालिबान के डर से करीब 4 लाख अफगान पहले ही अपने घर से भागकर विस्थापितों की तरह जिंदगी बिताने पर मजबूर हैं.

 

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