भारत ने तालिबान के चंगुल से अपने नागरिकों को निकालने के लिए दो भारी-भरकम मिलिट्री विमान लगाए, ग्‍लोबमास्‍टर नई दिल्‍ली और काबुल के बीच कई चक्‍कर लगाएंगे

अफ़गानिस्तान में तालिबान का कंट्रोल बढ़ने के साथ ही काबुल में हालात बेहद ही गंभीर हो गए हैं. कई भारतीय भी अफगानिस्‍तान में फंसे हुए हैं, हालांकि सरकार ने सुरक्षा कारणों के चलते उनकी संख्‍या नहीं बताई है. उन्‍हें वापस लाने के लिए वायुसेना के दो C-17 ग्‍लोबमास्‍टर विमानों को लगाया गया है. इनमें से एक ने बीते रविवार रात उड़ान भरी और काबुल से कुछ यात्रियों को लेकर सोमवार सुबह भारत पहुंचा.

दूसरे विमान ने मंगलवार सुबह करीब 130 लोगों को लेकर काबुल से उड़ान भरी थी. सूत्रों ने बताया कि ये दोनों विमान अब काबुल के कई चक्कर लगाएंगे. सरकार ने एक बयान में कहा कि वह उन भारतीय नागरिकों के संपर्क में है जो वापस लौटना चाहते हैं. इसके अलावा सरकार अफगान सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों से भी संपर्क कर रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा, “जो लोग अफगानिस्‍तान छोड़ना चाहते हैं, हम भारत आने में उनकी मदद करेंगे.”

वायु सेना एक बार फिर फरिश्ता बनी

विदेशों में जब भी भारतीय इस तरह के संकट में फंसते हैं तो वायुसेना उनकी मदद के लिए पहुंच जाती है. कोविड-19 महामारी का दौर हो या यमन संकट के दौरान ‘ऑपरेशन राहत’. भारतीय वायुसेना ने अपने चाहने वालों को वहां से निकाल लिया है. नेपाल में ‘ऑपरेशन मैत्री’ हो, बेल्जियम में आत्मघाती हमले के बाद भारतीयों की निकासी हो या लीबिया के गृहयुद्ध से प्रियजनों को छुड़ाना, भारतीय वायुसेना हर बार अपने भरोसे पर खरा उतरा है.

सैन्‍य अभियान से क्यूँ हिचक रही सरकार?

भारत ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानों की आवाजाही सोमवार को निलंबित कर दी गई है. इससे लोगों का वहां से निकलना ठप हो गया है. बयान में कहा गया, “हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.” बयान ने संकेत दिया कि सरकार को यकीन नहीं था कि एक सैन्य बचाव अभियान शुरू किया जा सकता है या नहीं. सूत्रों ने कहा कि काबुल में इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने को लेकर काफी अनिश्चितता है। फिर भी किसी भी विकल्प से इंकार नहीं किया गया है.

काबुल हवाई अड्डे पर दिखी भयावक तस्वीर 

अफगानिस्तान में तालिबान की दोबारा कायम हुई हुकूमत से घबराए लोग किसी भी तरह मुल्क छोड़ना चाहते हैं.इसका एक भयावह दृश्य सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर नजर आया. अमेरिकी वायुसेना का सैन्य विमान जैसे ही टेकऑफ के लिए आगे बढ़ रहा था, लोगों का हुजूम रनवे पर विमान के साथ-साथ चल रहा था. विमान के उड़ान भरने से पहले कुछ लोग टायरों के ऊपर बनी जगह पर सवार हो गए.

देखें विडियो: Taliban Sieze Power in Afganistan | Imran Khan | Kabul Takeover | History Taliban | Chaina Pakistan

भारत दूतावास बंद करने के मूड में नहीं

केंद्र के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि वह अस्थायी रूप से भी दूतावास को बंद करने के बारे में नहीं सोच रहा है. अफगान नागरिक जिन्होंने भारत के विकास कार्यक्रमों में मदद की है, वे इसे एक धोखा के रूप में देखेंगे. भारत के पास स्थानीय कर्मचारियों के आधार पर अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने या कुछ दिनों के लिए दूतावास चलाने का विकल्प है. इस पर अगले कुछ दिनों में फैसला लिया जा सकता है.

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सरकार ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के हालात पर करीब से नजर रखे हुए है. बयान में कहा गया है, “हमने आपातकालीन नंबरों की एक सूची जारी की है और जनता तक पहुंच रहे हैं. हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं.”

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