आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के 225 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 123 निजी अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों, 39 एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों और पहाड़ी क्षेत्रों के सात निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफरल सिस्टम लागू नहीं होगा. मरीज को इलाज के लिए 74 निजी अस्पतालों में रेफर करना अनिवार्य है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अटल आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख की सीमा तक मुफ्त इलाज के लिए रेफरल प्रणाली को सख्ती से लागू किया है। योजना में सूचीबद्ध 74 निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहले मरीज को सरकारी अस्पताल से रेफर करना अनिवार्य है। आपात स्थिति में रेफरल सिस्टम लागू नहीं होगा।प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने आईटी पार्क कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने योजना में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए रेफरल नीति बनाई है. इसके पीछे मंशा यह है कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज का इलाज पहले राज्य के अस्पतालों में किया जाए। इलाज की सुविधा न होने पर ही निजी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था है। सरकार ने कोविड महामारी में इस व्यवस्था में ढील दी थी। अब फिर से मरीज का बायोमेट्रिक और रेफरल सिस्टम लागू कर दिया गया है।
प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि कई सरकारी अस्पतालों में कार्ड धारक मरीजों को बिना किसी कारण के सीधे निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इस देखते हुए प्राधिकरण ने तय किया कि सरकारी अस्पतालों को मरीज रेफर करने का स्पष्ट कारण बताना होगा। यदि अस्पताल में उपचार की सुविधा नहीं है तो मरीज किसी अन्य दूसरे राजकीयचिकित्सालय में रेफर किया जाना चाहिए।वहां पर इलाज संभव नहीं है तो ही निजी अस्पताल में रेफर किया जा सकता है। कोटिया ने बताया कि इमरजेंसी की स्थिति में रेफर करने की व्यवस्था लागू नहीं होगी। इस मौके पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ एवं अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान भी मौजूद थे।