2021 के मॉडर्न एरा में इजराइल जैसे संपन्न देश में भी ऐसे कानून हैं जो एक महिला को 20 बार चाकू से घोंपे जाने के बावजूद उसके पति को निर्दोष बताते हैं।
आप यकीन करें या न करें, इजराइल अकेला ऐसा देश नहीं। भारत समेत कई बड़े देशों में ऐसे महिला विरोधी कानून आज भी लागू हैं…
अब जानिए दुनिया के किन 7 देशों में और कौन से कानून एंटी विमेन हैं
भारत: पति को रेप की आजादी
भारत समेत दुनिया के 49 देश ऐसे हैं, जहां पत्नी से रेप करने वाले पति को समाज के साथ-साथ कानून भी दोषी नहीं मानता है। भारत में IPC की धारा 375 और 376 के तहत महिलाओं के साथ रेप किए जाने को जघन्य अपराध माना जाता है। इस तरह के मामलों में उम्र कैद या मौत की सजी दी जाती है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भारत में अपनी पत्नी के साथ कोई रेप करे तो इस कानून के तहत कोई सजा तो छोड़िए कार्रवाई तक नहीं होती है।
अमेरिका: मर्दों को रेप कर लड़कियों को मां बनाने का अधिकार
अमेरिका में रेप के बाद रेपिस्ट पैरेंटल राइट के तहत पीड़िता से बच्चे की मांग कर सकता है। इस कानून की वजह से अमेरिका के मैरीलैंड, अलबामा, मिसिसिपि, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा, न्यू मैक्सिको में हजारों रेप पीड़िता न चाहते हुए भी रेपिस्ट के बच्चे की मां बनने के लिए मजबूर हैं। अमेरिका के बाकी राज्यों में रेपिस्ट को बच्चे का अधिकार मानने से रोकने का कानून है, लेकिन इन राज्यों में नहीं है। हर साल अमेरिका के इन राज्यों में 17 हजार से 32 हजार महिलाओं से रेप होता है, जिसमें 32% से 35% मामलों में रेपिस्ट अपने रेप से पैदा संतान को अदालत के जरिए मांगता है
सूडान: लड़कियों को दस साल की छोटी उम्र में ब्याहना अपराध नहीं
सूडान में लड़कियां 10 साल के बाद शादी कर सकती हैं। दूसरे देशों में जब लड़कियां इस उम्र में होमवर्क करने की सोचती हैं, उस उम्र में सूडान में बेटियां ब्याह दी जाती हैं। सूडान में आज के समय में हर तीन में से एक लड़की की शादी 18 साल से पहले करा दी जाती हैं। देश का कानून इसका समर्थन करता है। जब इन लड़कियों के शरीर में बदलाव ही हो रहे होते हैं तभी कई लड़कियां मां बना दी जाती हैं।
ईरान: पति की अनुमति ही पत्नी का पासपोर्ट-वीजा
ईरान में पत्नी अपने पति से अनुमति लिए बिना विदेश के दौरा पर नहीं जा सकती हैं। ईरान के कानून मुताबिक, पति के हस्ताक्षर के बिना महिलाओं को विदेश जाने की परमिशन नहीं मिलती है। एक तरह से कहें तो देश से बाहर जाने के लिए महिलाओं को सरकारी दफ्तर में बाद में पहले अपने पति के पास ही पासपोर्ट-वीजा के लिए अर्जी देना होता है।
जॉर्डन: इज्जत के नाम पर बेटी की हत्या करने पर सजा में छूट
जॉर्डन में ऑनर किलिंग को अपराध नहीं माना जाता है। इस देश के पीनल कोड के आर्टिकल 340 और 98 के तहत ऑनर किलिंग को गंभीर अपराध नहीं माना गया है। इस कानून के तहत यदि महिला का मर्डर परिवार के इज्जत को ठेस पहुंचाने की वजह से किया जाता है तो आरोपी की सजा को जज कम कर सकते हैं।
रूस: घरेलू शोषण अपराध नहीं, मतलब पत्नी पर पति का राज
2017 में रूस की संसद ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले घरेलू शोषण को अपराध नहीं मानने वाले संशोधन के पक्ष में भारी मतदान किया था। भारत की तरह ही रूस में भी इस मामले को निजी बताया गया था। रूस के सरकारी रिपोर्ट की मानें तो रूस में हर 40 मिनट में एक महिला की मौत अपने पार्टनर या पति की वजह से हो रहा है। ऐसे में रूस के संसद द्वारा घरेलू शोषण को अपराध नहीं मानने वाले संशोधन का NGO और महिला समर्थकों ने विरोध किया था।