जानें क्यों, कब, कहां और कैसे होता है जीरो शैडो डे

बेंगलुरु में मंगलवार को ‘जीरो शैडो डे’ मनाया गया है। जीरो शैडो डे एक खगोलीय घटना है जो बेंगलुरु सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में साल में दो बार होती है। इन दिनों, स्थानीय सौर दोपहर में सूर्य बिल्कुल सिर के ऊपर होता है, और परिणामस्वरूप, जमीन पर मौजूद वस्तुओं की कोई छाया नहीं पड़ती है।

बेंगलुरु में जीरो शैडो डे 25 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर मनाया गया । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) अपने कोरमंगला परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया है। आईआईए ने इसके पहले ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि ‘आइए 25 अप्रैल को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक हमारे कोरमंगला परिसर में जीरो शैडो डे #ZSD मनाएं। सूर्य 12:17 बजे सीधे सिर के ऊपर होगा।’

एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अनुसार, आकाशीय घटना भूमध्य रेखा के पास होती है जो मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच आती है। बेंगलुरु में मंगलवार को सूर्य ठीक सिर के ऊपर होगा।यह खगोलीय घटना साल में दो बार होती है और सभी लंबवत वस्तुएं जमीन पर छाया डालना बंद कर देती हैं। अगली ऐसी खगोलीय घटना 18 अगस्त को बेंगलुरु में होगी। आईआईए ने अपने बयान में कहा, ‘शून्य छाया दिवस तब होता है जब दोपहर के समय सूर्य सीधे सिर के ऊपर होता है, और इसलिए कोई भी लंबवत वस्तु कोई छाया नहीं डालती है। यह कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थानों के लिए होता है।

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