देहरादून : चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा आशुतोष सयाना ने कहा कि यहां पूर्व में एमएस आवास हुआ करता था। अब यहां पीजी छात्रावास का निर्माण किया गया है। भवन निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट का पूरा ख्याल रखा गया है।इसका नाम प्राचीन भारत के महान चिकित्साशास्त्री एवं शल्यचिकित्सक महर्षि सुश्रुत के नाम पर रखा गया है।चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि 2014 से पहले देश में 53 हजार एमबीबीएस की सीट थी। अब हर साल 1 लाख 13 हजार बच्चे एमबीबीएस कर रहे हैं।पीजी की सीट 19 हजार से बढ़कर 60 हजार हो गई है।मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के लिए न केवल शिक्षा बल्कि आगे रोजगार के भी अवसर बढ़े हैं।एक वक्त था मेडिकल कालेज में पांच घंटे पुस्तकालय खुलता था।अब 14 घंटे पुस्तकालय खोलने के निर्देश हैं।
ई ग्रन्थालय की सुविधा भी शुरू की है।चॉइस बेस्ड कैंटीन,खेलकूद,व्यायाम सहित तमाम इंतजाम किए हैं।ताकि एमबीबीएस करने वालों का सर्वांगीण विकास हो।बच्चों के बीच नियमित जाता हूं,उनसे फीडबैक लेता हूं।जितना संभव होगा,करेंगे।उन्होंने एनएमओ कांफ्रेंस में आए देशभर के एमबीबीएस छात्रों का भी स्वागत किया।
कहा कि डॉक्टर बनने के बाद 15 दिन उत्तराखंड आएं।चारधाम यात्रा के दौरान यहां सेवा दें।आपके रहने खाने का इंतजाम राज्य सरकार करेगी।एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत छात्र व फैकल्टी का एक्सचेंज प्रोग्राम होगा।राजपुर रोड विधायक खजनदास ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विषम भौगोलिक परिथितियों वाले उत्तराखंड की विषम में स्वास्थ सुविधाओं की पहुंच बड़ी चुनौती रही है।राज्य सरकार ओर सराहनीय काम कर रही है।आज स्वास्थ्य में मानव संसाधन की कमी काफी हद तक दूर हो गई है।
वहीं,अवस्थापना विकास में भी लगातार काम हो रहा है।चिकित्सा अधीक्षक डा अनुराग अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।इस दौरान सीएमओ डा संजय जैन,डा केसी पंत,डा अभय,डा अनंत सिंह,डा आरएस बिष्ट,डा सुशील ओझा,मुख्य जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी आदि उपस्थित रहे।