[ad_1]
सबसे पहले बात देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की. उत्तर प्रदेश में अगले सात महीने के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी के मद्देनजर इस फेरबदल में कई चेहरे दिखाई दे रहे हैं. अब तक यूपी के किसी भी दलित सांसद को मंत्री नहीं बनाया गया था. यूपी चुनाव से ऐन पहले इस समुदाय को बड़ी हिस्सेदारी दी गयी है. पिछड़े समुदाय की ही तरह इस बात दलित समुदाय से भी तीन-तीन मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है.
आगरा से एसपी सिंह बघेल, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा और लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से कौशल किशोर तीनों दलित समुदाय से हैं. वहीं ब्राह्मणों की तथाकथित नाराजगी को पाटने के लिए भाजपा ने एक और ब्राह्मण चेहरे को मंत्री पद दिया है. चंदौली सांसद महेन्द्रनाथ पांडेय के साथ अब लखीमपुर खीरी के सांसद अजय मिश्रा भी मंत्री होंगे.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सहयोगी पार्टी अपना दल की नेता अनुप्रिया सिंह पटेल को भी कैबिनेट में जगह दी गई है. अनप्रिया सिंह की पार्टी अपना दल की राज्य के पटेल समुदाय में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा पंकज चौधरी और बीएल वर्मा को भी ओबीसी मतदाताओं को साधने के लिए जगह दी गई है.
गुजरात पर भी निगाहें
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य से अब मंत्रिमंडल में 7 मंत्री हैं. इनमें गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जशंकर भी शामिल हैं. बता दें कि एस. जयशंकर गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं. पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मांडविया को भी प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा दर्शन जारदोष, मुंजपारा महेंद्र भाई और देवू सिंह चौहान को भी जगह दी गई है. गुजरात में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में बेहतर प्रदर्शन किया था और बीजेपी किसी तरह बहुमत के आंकड़े को छू पाई थी. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में गुजराती मंत्रियों को जगह देकर गुजरात में राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश की गई है.
महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश, बीएमसी पर भी निगाहें
इसके अलावा महाराष्ट्र से भी कई नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है. इनमें सबसे प्रमुख नाम नारायण राणे का है. महाराष्ट्र की राजनीति में नारायण राणे कद्दावर नेता हैं. अगले साल बीएमसी का चुनाव होना है. ऐसे में पार्टी बीएमसी इलेक्शन में उनके प्रभाव का इस्तेमाल पार्टी मतदाताओं को लुभाने के लिए करेगी. साथ ही राज्य से जातीय समीकरण साधने के लिए डॉ. भारती पवार, कपिल पाटिल और भगवत करद को भी जगह दी गई है.
अब भी फोकस में है पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव गुजर चुके हैं लेकिन कैबिनेट फेरबदल देखकर लगता है कि बीजेपी के फोकस में राज्य अब भी बना हुआ है. यही कारण है कि राज्य से चार नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. इन नेताओं में निशिथ प्रमाणिक, जॉन बराला, शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार हैं. शांतनु ठाकुर मटुआ समुदाय से आते हैं जो बीजेपी का वोटर माना जाता है. इनके अलावा जॉन बराला आदिवासी नेता हैं. राज्य से नेताओं को मंत्रिमंडल में मिली जगह को देखते हुए लगता है कि 2024 चुनावों की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है.
[ad_2]
Source link