सैन्य धाम के निर्माण में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी – सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी

सैनिक कल्याण मंत्री लगातार अंतर्विभागीय समीक्षा एवं समन्वय बैठकों के माध्यम से स्वयं कर रहे हैं प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग।
राज्य सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सैन्यधाम का निमार्ण 2024 के तक करने के लिए गंभीरता से प्रसासरत हैं। सैन्यधाम से जुड़े विभिन्न विषयों के समाधान के लिए आज सैनिक कल्याण मंत्री द्वारा अपने शिविर कार्यालय में सैनिक कल्याण विभाग, राजस्व, जिला प्रशासन तथा कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम के अधिकारियों की सुयंक्त बैठक आहुत की। इस दौरान आपसी समन्वय कर भूमि, डिजाइन तथा अन्य तकनीकी मामलों पर चर्चा की गई। सैन्य धाम निर्माण की धीमी प्रगति से सैनिक कल्याण मंत्री असंतुष्ट दिखाई दिए।
सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि यह राज्य सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। जिसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भी की जा रही है। सैन्यधाम वीरभूमि उत्तराखण्ड की संवेदनाओं से सीधा जुड़ा है। आज की बैठक में संबंधित विभागों को बेहतर आपसी समन्वय कर सभी विषयों के त्वरित समाधान निकालने हेतु निर्देशित किया गया है। पहुंच मार्ग तथा भूमि से संबंधित समस्त मामलों पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त चारदीवारी के काम की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
इसके अतिरिक्त टनकपुर तथा गोपेश्वर में आगामी 30 जून को विश्रामगृहों के शिलान्यास की तैयारियां पर भी चर्चा की गई। साथ ही परमवीर चक्र विजेताओं को दी जाने वाली एकमुश्त पुरस्कार राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने, अशोक चक्र विजेताओं की एकमुश्त पुरस्कार राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने तथा इसी प्रकार अन्य वीरता पुरस्कारों की धनराशि को भी वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए बढ़ाए जाने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून डॉ आर राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी मनीष कुमार, अपर सचिव सैनिक कल्याण सीएस धर्मसत्ता, उप निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल जोधा तथा कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता रविन्द्र कुमार तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

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