बीवी से इतना प्यार तो एक हिंदुस्तानी ही कर सकता है – जूनून तो देखिये हुज़ूर

65 वर्षीय तपस शांडिल्य की पत्नी की मौत कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हो गई थी। इसके बाद से तपस बिलकुल अकेले पड़ गए थे। लोग अपने प्यार के लिए क्या कुछ नहीं करते और जब जीवनसाथी हमेशा के लिए दूर चला जाए तो उसकी कमी पूरा करना नामुमकिन हो जाता है। पर कोलकाता के तपस शांडिल्य ने पत्नी की मौत के बाद भी उन्हें कुछ इस तरह अपने बीच जीवित रखा है, जो पूरे देश में चर्चा का विषय है। उनकी पत्नी आज भी घर में अपनी पसंदीदा जगह पर झूले में बैठी नजर आती हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी अपनी पसंदीदा सिल्क साड़ी और सोने के आभूषणाें के साथ ऐसी लगती हैं कि बस अब बोल ही पड़ेंगी। आइए जानें ये सब कैसे हुआ.

प्यार को जीवित रखने का जूनून देखिये

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्षीय तपस शांडिल्य की पत्नी की मौत कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हो गई थी। इसके बाद से तपस बिलकुल अकेले पड़ गए थे। वे इस गम उबरने की काफी कोशिश करते रहे, इसी बीच उन्होंने पत्नी का सिलिकॉन स्टैच्यू बनवाने का फैसला लिया। उन्होंने इसके लिए सिलिकॉन स्टैच्यू बनाने वाले जानेमाने आर्टिस्ट को ऑर्डर दिया, इसके बाद उनकी पत्नी इंद्राणी शांडिल्य के हूबहु व जीवंत दिखने वाले स्टैच्यू को 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद पूरा कर लिया गया।

तपस ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्हें पत्नी का स्टेच्यु बनवाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि लगभग 10 साल पहले वे अपनी पत्नी के साथ मायापुर के इस्कॉन मंदिर गए थे। वहां उन्होंने भक्तिवेदांत स्वामी की जीवंत प्रतिमा देखी थी। वे दोनों उस प्रतिमा को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए थे। इसके बाद तपस की पत्नी इंद्राणी ने उनसे मजाक में कहा था कि अगर मेरी मौत कभी तुमसे पहले हो जाए, तो मेरी भी ऐसी स्टैच्यू बनवा देना। 4 मई 2021 को इंद्राणी की मौत हो गई, जिसके बाद उनके पति ने इसे उनकी इच्छा मानते हुए पूरा कर दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस स्टैच्यू को जानेमाने आर्टिस्ट सुबिमल दास ने बनाया है। सुबिमल ने बताया कि उन्होंने लोगों के कई सिलिकॉन स्टैच्यू बनाए हैं पर इंद्राणी शांडिल्य का स्टैच्यू बनाना काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने बताया कि जीवंत दिखने के लिए उनके फेशियल एक्सप्रेशन पर काफी काम करना पड़ा। इसके लिए तपस ने अपनी पत्नी की दर्जनों फोटो उपलब्ध कराई, जिन्हें देख-देखकर उनके चेहरे के भाव को तय किया गया और फिर स्टैच्यू को अंतिम स्वरूप दिया गया। ये स्टैच्यु लगभग 30 किलो का है और कोलकाता के वीआईपी रोड स्थित तपस शांडिल्स के घर में आकर्षण का केंद्र भी है। बता दें कि इस स्टैच्यू को बनवाने में तपस शांडिल्स ने कुल ढाई लाख रु खर्च किए।

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