कहीं आपका GST बिल नकली तो नहीं ? कीजिये असली की पहचान

नकली और असली की पहचान अब बेहद मुश्किल काम हो चुका है। सामान नकली , व्यापार नकली , खरीदार नकली और तो और बिल भी नकली जी हाँ सही सूना आपने , लोगों के समझ में नहीं आता है कि वह जो चीज भी खरीदते हैं, वह असली है या नकली। जीएसटी बिल भी उन्हीं चीजों में से एक है, जिसे कई दुकानदार आजकल नकली दे रहे हैं। दरअसल लोग सामान खरीदते हैं और उसपर जीएसटी भी देते हैं, लेकिन दुकानदार जीएसटी लेने के बावजूद उन्हें नकली बिल थमा देते हैं।

नकली बिल मिलने से हमारी ओर से दिया गया सामान पर जीएसटी सरकार को मिलने के बजाए दुकानदार को मिल जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आम लोग असली और नकली जीएसटी की पहचान कैसे करें। इसी को लेकर आज हम आपको कुछ तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप आसानी से असली और नकली जीएसटी की पहचान कर पाएंगे।

खुद इन तरीकों से करें असली जीएसटी बिल की पहचान:-

जीएसटी बिल की पहचान करने का एक तरीका ये है कि सबसे पहले आपको देखना होगा कि बिल पर लिखा जीएसटी बिल जीएसटीआईएन नंबर 15 अंकों का है या नहीं। इसके पहले दो अंक राज्‍य का कोड होते हैं। वहीं अगले 10 अंक उस दुकानदार या कंपनी का पैन कार्ड नंबर होता है। वहीं 13वां अंक राज्यों के रजिस्ट्रेशन की संख्या के आधार पर आवंटित होता है। इसके बाद 14वां अंक डिफॉल्ट रूप से Z होता है और अंतिम यानी 15वां अंक चेक कोड होता है। अगर इस क्रम में कोई गड़बड़ी है तो समझ लीजिए कि जीएसटी बिल फर्जी है।

जीएसटी बिल की पहचान करने का एक तरीका ये भी है कि आप जीएसटी बिल पर मिले जीएसटीआईएन नंबर को जीएसटी की वेबसाइट पर डालकर भी रजि‍स्‍ट्रेशन से लेकर सभी जानकारी का पता कर सकते हैं। अगर जीएसटीआईएन नंबर गलत होगा तो इनवैलिड जीएसटीआईएन लिखा दिखाई देगा।

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