आपने यह तो सुना होगा कि इंसान से ज्यादा वफादार कुत्ते होते हैं , और यह बात हिंदुस्तान में हर राज्य और हर समाज के हिस्से में अक्सर सुनाई भी देती है। यही वजह है कि लोग घरों में कुत्तों को न सिर्फ पालते हैं बल्कि उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लेते हैं। अक्सर सोशल मीडिया और आम जीवन में इन कुत्तों की वफादारी की बेमिसाल तस्वीरें और कुर्बानियां भी हम और आप देखते हैं। लेकिन अब जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वह इन सब से भी आगे बढ़कर है।
अपनी सेवाओं को देने के बाद जब इन कुत्तों को रिटायर किया गया तो बड़े-बड़े अफसरों ने भी इन रिटायर हो रहे कुत्तों को इंसान के जैसे इज्जत और मान सम्मान के साथ विदाई दी। क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं. दरअसल यह मामला है देहरादून का , और जगह है जौलीग्रांट हवाई अड्डा, यहां बीते 10 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के दौरान दस्ते में तैनात फायर ब्वॉय और जेंटलमैन नाम के दो कुत्तों को रिटायर किया गया। इस मौके पर अधिकारियों ने भव्य विदाई समारोह भी आयोजित किया जिसकी तस्वीरें देखकर आप भी वाह कह देंगेएएसजी देहरादून के दफ्तर ने बताया कि श्वान दस्ते का हिस्सा रहे दोनों कुत्ते फायरबॉय और जेंटलमैन अपनी जिम्मेदारी और अपनी सूझबूझ में बेमिसाल थे। अपने काम में बेहद काबिल थे , लेकिन उम्र की जटिलताओं के कारण और सीआईएसएफ की नियमावली के अनुसार 10 साल की सर्विस देने के बाद इन्हें अब पूरी इज्जत और सम्मान के साथ रिटायर कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि रिटायर किए गए इन दोनों श्वान ने अपनी सेवा अवधि के दौरान सामान्य ड्यूटी के अलावा अलग-अलग मौकों पर आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल , एंटी सबोटाज चेकिंग और वीआईपी आगमन के दौरान अपनी बेहतरीन काबिलियत का परिचय दिया। दोनों श्वानों के रिटायर होने के बाद उनकी भरपाई के लिए रैंबो और रेंजर नाम के दो कुत्ते पहुंच चुके हैं जिन्हें झारखंड की राजधानी रांची के डॉग ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षित करके यहां भेजा गया है।
आपको बता दें कि फायर ब्वॉय और जेंटलमैन की विदाई के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की देहरादून इकाई का माहौल बहुत ही भावुक नजर आया। डिप्टी कमांडेंट वीवीएस गौतम समेत पूरी सीआईएसएफ कर्मियों ने इन दोनों को विदाई दी। इस दौरान दोनों श्वानों के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था और उन्हें हाथ गाड़ी से खींचकर एयरपोर्ट के बाहर ले जाया गया। इस मौके पर जौलीग्रांट हवाई अड्डे के डायरेक्टर प्रभाकर मिश्रा सहित सभी एयरलाइंस के प्रतिनिधियों की मौजूदगी इस मौके को खास बना रही थी। दोनों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया जो उन्हें लेकर दूर आराम करने के लिए लेकर चले गए और इस तरह से दो ख़ास शवों की विदाई हुई.