खान-पान के बिल में रेस्त्रां ‘सेवा शुल्क’ नहीं जोड़ सकते हैं। यह बात केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने साफ की। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि कस्टमर चाहें तो अपनी तरफ से ‘टिप’ दे सकते हैं। साथ ही अगर रेस्त्रां मालिक अपने कर्मचारियों को ज्यादा पगार देना चाहते हैं तो वे खानपान उत्पादों के ‘मीन्यू कार्ड’ में दरें बढ़ाने के लिए आजाद हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि देश में खानपान की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
हालांकि, उन्होंने रेस्त्रां मालिकों की उस आशंका को खारिज कर दिया कि सेवा शुल्क हटाए जाने की स्थिति में उन्हें घाटा होने लगेगा। मंत्रालय ने उपभोक्ताओं से सेवा शुल्क की वसूली को अनुचित बताया है। इस बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, “रेस्त्रां किसी बिल में अलग से सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकते हैं। अगर आपको लगता है कि कर्मचारियों को कुछ अधिक लाभ देने हैं तो आप उसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सकते हैं। आप चाहें तो खानपान उत्पादों की दरें बढ़ा सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को उपभोक्ताओं से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि रेस्त्रां बिल में अलग से सेवा शुल्क भी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप दरें बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन अगर कोई छिपी हुई लागत है तो लोगों को असली कीमत कैसे पता चलेगी।” वैसे, मंत्री ने कहा कि लोग रेस्तरां की सेवाओं से खुश होकर टिप देते रहे हैं और आगे भी वे ऐसा करना जारी रख सकते हैं।