Flash Story
DBS:फेस्ट में दून कालेजों के छात्रों का संगम,समापन सत्र में पहुंचे मंत्री सुबोध उनियाल
देहरादून :  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लिवर रोगों  को दूर करने में सबसे आगे 
जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए क्या हैं नियम
क्या आप जानते हैं किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
आग में फंसे लोगों के लिये देवदूत बनी दून पुलिस
आगर आपको चाहिए बाइक और स्कूटर पर AC जैसी हवा तो पड़ ले यह खबर
रुद्रपुर : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर युवती से एक लाख से ज्यादा की ठगी
देहरादून : दिपेश सिंह कैड़ा ने UPSC के लिए छोड़ दी थी नौकरी, तीसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना

ज्ञान वायरस : कहानी परमवीर चक्र की – किसे और क्यों दिया जाता है ?

सैन्य कर्मियों को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं। दुश्मनों के सामने जवानों के आदम्य साहस के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है। परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य वीरता सम्मान है, जो सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े लोगों को दिया जाता है। लेकिन क्या आप इससे जुड़े हुए इतिहास को जानते हैं? कब हुई थी इसकी शुरुआत और यह सबसे पहले किसे दिया गया था।

परमवीर चक्र की कब हुई थी शुरुआत

सैन्य कर्मियों को उनके साहस, बलिदान और दुश्मनों को मिट्टी में मिला देने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है। परमवीर चक्र सैन्य सेवाओं में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 में हुई थी। यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है। इस पुरस्कार को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। परमवीर चक्र को विदेशी महिला ‘सावित्री खालोनकर उर्फ सावित्री बाई’ ने डिजाइन किया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि परमवीर चक्र को अमेरिका के सम्मान पदक तथा यूनाइटेड किंगडम के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर का दर्जा हासिल है।

कैसा होता है परमवीर चक्र?

परमवीर चक्र सेना में मिलने वाला सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। यह सम्मान सेना के उन जाबांजों को दिया जाता है, जिन्होंने दुश्मन की उपस्थिति में बहादुरी, वीरता, आत्म-बलिदान के साहसी कार्य किया हो। यह चक्र वॉर टाइम में साहसी प्रदर्शन करने के लिए दिया जाता है. मेडल- गोलाकार, कांस्य निर्मित, 1.38 इंच का व्यास और ऊपर केंद्र में उभरी हुए राज्य के प्रतीक के साथ ‘इन्द्र के वज्र’ की चार प्रतिकृतियां होती हैं। वहीं पिछले भाग पर हिंदी और अंग्रेजी के बीच में दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में परम वीर चक्र उभरा हुआ होता है।

क्यों दिया जाता है परमवीर चक्र?

भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने आजादी के 75 सालों में हर बार हिंदुस्तान का सिर फख्र से ऊंचा किया है। बहादुर जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना हमेशा दुश्मनों को पराजित किया है। देश की थल सेना, वायु सेना और नौसेना के शूरवीरों ने जब-जब दुश्मनों को मात दी है तब-तब उनके आत्म-त्याग शौर्य, बलिदान के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है। देश के राष्ट्रपति के हाथों से बहादुर जवानों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top