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तीनों सेना के जवानों के सैल्यूट अलग अलग क्यों होते हैं ? 

भारतीयों सेनाओं (भारतीय सेना नौसेना और वायुसेना) ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए हिंदुस्तान का सिर हमेशा फख्र से ऊंचा किया। ऐसे में आज हम आप लोगों को विभिन्न जवानों द्वारा दी जाने वाली सलामी के बुनियादी अंतर को समझाएंगे। आजादी के 76 सालों में हिंदुस्तान ने बहुत कुछ देखा और जिया है, लेकिन हर एक बार भारतीयों सेनाओं (भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना) ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए हिंदुस्तान का सिर फक्र से ऊंचा किया। इस दौरान जवानों ने अपने प्राणों की आहूति भी दी। ऐसे में आज हम इन जवानों को सलाम करते हुए तीनों सेनाओं के सैल्यूट पैटर्न पर बात करेंगे।

आप लोगों अक्सर यह देखा होगा कि थल, जल और वायु सेनाओं के जवानों के सैल्यूट पैटर्न में अंतर होता है, लेकिन इसके बारे में आप लोगों को विस्तृत जानकारी नहीं होती है। खैर हम आपको इसके बारे में समझाएंगे, क्योंकि हर जवानों के सैल्यूट का अपना विशिष्ट तरीका होता है और यह उनकी एकता, अनुशासन और देशभक्ति का पर्याय है। साथ ही इसे आप सैन्य परंपरा का अनिवार्य पहलू भी मान सकते हैं।

भारतीय सेना
सैल्यूट या सलामी सिर्फ सम्मान की बात नहीं है, बल्कि यह जवानों के बीच में अनुशासन और विश्वास का प्रतीक है। थल सेना के जवान खुली हथेली को माथे पर लगाकर सैल्यूट करते हैं। यह परंपरा ब्रिटिश सेना के जमाने से चली आ रही है। हालांकि, भारतीय सैन्य परंपरा के मुताबिक इसमें संशोधन किया गया था। जवान जिस हाथ से हथियार पकड़ते हैं, उसी हाथ से सैल्यूट करते हैं। इसे विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान सारी उंगलियां खुली हुई होती है। इस सैल्यूट का मतलब है- ‘सैनिक खाली हाथ’ है।

भारतीय नौसेना
नौसेना के जवानों के सैल्यूट का तरीका भारतीय सेना से थोड़ा अलग होता है। नौसेना के जवानों के दाहिने हाथ 90 डिग्री एंगल में जमीन की तरफ झुके रहते हैं। इसका मुख्य कारण है कि जवान अपने हाथों को किसी को भी नहीं दिखाना चाहते हैं, क्योंकि शिप पर काम करते हुए उनके हाथ ग्रीस और तेल की वजह से गंदे हो जाते हैं।

भारतीय वायु सेना
भारतीय वायु सेना के पास सलामी देने का एक अनूठा तरीका है जिसमें हथेली ऊपर की ओर 45 डिग्री के एंगल में होती है। वायु सैनिक दाहिने हाथ को ऊपर की ओर हथेली और उंगलियों के साथ फैलाता है। इस सैल्यूट के जरिए वायु सैनिक ‘आसमान की ओर प्रगति’ को दर्शाते हैं। मार्च 2006 के बाद वायु सेना ने सैल्यूट का यह तरीका अपनाया था।

भारतीय तटरक्षक
भारतीय तट रक्षक बल भी नौसेना की तरह ही सलामी देते हैं। गार्ड दाहिने हाथ को नीचे की ओर हथेली और उंगलियों को एक साथ फैलाते हैं। इसके बाद हाथ को माथे के स्तर तक 90 डिग्री के एंगल पर लाया जाता है। इसे हथेली से नीचे की ओर सलामी के रूप में जाना जाता है।

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