कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री धामी का सलाम नमन और चरण स्पर्श

न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ आलम की रिपोर्ट

कुछ भावुक तस्वीरे , आँखों में नमी और पाँव में मुख्यमंत्री …. कुछ इसी अंदाज़ में दिखे सैनिक पुत्र सीएम धामी मौका था विजय दिवस का .. कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने कारगिल शहीदों के परिवार जनों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लङाई में माँ भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद 1999 से लेकर आज तक उसी वेग से गूंज रहा है भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता ने दुश्मन को एक बार फिर ये बतला दिया था कि उसके रहते हुए, तिरंगे की आन-बान और शान में रत्ती भर की भी कमी नहीं आ सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो स्वयं एक सैनिक परिवार से आता हूं और सेना के साथ मेरा रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने मुझे बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और मेरे अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया। मैंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है।

इस दौरान मुख्यमंत्री धामी का बेहद मानवीय व्यक्तित्व भी देखने को मिला जब उन्होंने वीर शहीदों के बुजुर्ग परिजनों के पाँव छूकर उन्हें सम्मान दिया। लोगों के लिए ये पल बेहद भावुक करने वाला था

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है।

देहरादून के गुनियालगाँव में 04 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें। निर्माण कार्य दिसम्बर 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस और उनके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले राज्य के अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है। सरकार द्वारा आगे आने वाले समय में भी सेवारत सैनिकों / पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए निरन्तर प्रयास जारी रहेंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपने सम्बोधन में कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है।

कार्यक्रम में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, ब्रिगेडियर दिनेश बडोला , मेजर जनरल संजय शर्मा , मेजर जनरल अमरदीप भारद्वाज, मेजर जनरल जी एस रावत, बङी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे।

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