इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी में हिंदी दिवस पर हुआ खास आयोजन

हिंदी दिवस के उपलक्ष्‍य में इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में 1 सितंबर से मनाए जा रहे हिंदी पखवाड़े का आज समापन समारोह आयोजित किया गया। इस पखवाड़े के दौरान विभिन्‍न वर्गों में हिंदी की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं और उनके विजेताओं को समापन समारोह में सम्‍मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा जारी हिंदी प्रोत्‍साहन योजना 2020-21 के विजेताओं को भी इस अवसर पर पुरस्‍कृत किया गया।

इस अवसर पर अकादमी की वार्षिक हिंदी पत्रिका ‘अरण्‍य’ के 19वें अंक का अकादमी की वेबसाइट के माध्‍यम से लोकार्पण भी किया गया। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ के अंतर्गत एक नवोन्‍मेषी पहल के अंतर्गत एक वीडियो क्लिप का प्रदर्शन भी किया गया जिसमें अकादमी में प्रशिक्षणरत भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों ने अलग-अलग भारतीय भाषाओं की देशप्रेम से ओतप्रोत कविताओं का हिंदी अनुवाद गायन के माध्‍यम से प्रस्‍तुत किया।

इस अवसर पर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को राजभाषा-प्रतिज्ञा दिलाई गई।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अकादमी के अपर निदेशक सुशील कुमार अवस्‍थी ने हिंदी दिवस की महत्‍ता पर प्रकाश डाला तथा अकादमी में दिनोंदिन हिंदी की प्रगति पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने पखवाड़े के दौरान प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।


अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में अकादमी के निदेशक भारत ज्‍योति ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अकादमी में इससे संबंधित संवैधानिक प्रावधानों और दायित्‍वों की ओर सभी का ध्‍यान आकर्षित कराया। उन्‍होंने अपील की, कि हमें अपने कार्य की समीक्षा स्‍वयं करते हुए अपनी कमियों को पहचान कर उन्‍हें दूर करने के लिए प्रयासरत रहना होगा तभी हम संघ की राजभाषा नीति के अनुकूल लक्ष्‍यों को पूर्णत: प्राप्‍त करने में सफल होंगे। उन्‍होंने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी तथा उनसे हिंदी के प्रचार-प्रसार में और तत्‍पर होने की अपेक्षा की।


राजभाषा प्रभारी निधि श्रीवास्‍तव ने धन्‍यवाद ज्ञापन प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने अकादमी द्वारा राजभाषा नीति के कार्यान्‍वयन के क्षेत्र में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्‍होंने हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेता अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनसे अकादमी के कार्यों में हिंदी के और अधिक प्रयोग करने तथा अपेक्षित लक्ष्‍यों की प्राप्ति के लिए प्रयास करने की अपील की।

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