विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने की ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और अधिकारीयों पर रहती है। यही वजह है कि आचार संहिता लागू होते ही उत्तराखंड पुलिस और ख़ास तौर पर देहरादून जिला प्रशासन ने जिलाधिकारी आर राजेश कुमार की अगुवाई में सभी सीमाओं पर सख्त चेकिंन अभियान छेड़ रखा है। सभी जिलों में प्रवेश करने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है। यह सिलसिला विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा। पुलिस की चेकिंग में अब तक एक भी नेता या मंत्री का रुपया नहीं पकड़ा गया है। ऐसे में लोगों के बीच चर्चाएं भी चल रही हैं कि क्या नेताजी ईमानदारी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कुछ लोग पुलिस पर आम जनता को परेशान करने का भी आरोप लगा रहे हैं। इन सब को छोड़कर पुलिस अपना काम कर रही है। पांच जिलों में एक करोड़ छह लाख 20 हजार रुपये पकड़े जा चुके हैं।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से प्रदेश के हर जिले और इलाके में प्रशासन नियमों को लेकर सख्त हो गया है। चुनावी आचार संहिता के बीच बड़ी रकम साथ लेकर जाने वाले लोगों पर पुलिस की सख्त नज़र लगी हुई है। इसी कड़ी में बात कुमाऊं तो अब तक यहाँ पर एक करोड़ छह लाख रुपये की बड़ी रकम पकड़ी जा चुकी है। जिनसे नकदी बरामद हुई है उनमें ठेकेदार व आम लोग ही शामिल हैं।देहरादून की बात करें तो आचार संहिता लगने के बाद से ही जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने पुरे जनपद और बॉर्डर इलाकों में सख्त चेकिंग अभियान चला रखा है। इसकी बड़ी वजह है दिल्ली हरियाना और हिमांचल से आने वाली गाड़ियों की भारी संख्या , लिहाज़ा राजधानी से होकर पहाड़ चढ़ने वाली गाड़ियों पर निगरानी रखी जा रही है। जिसमें पुलिस महकमे की भूमिका भी बेहद अहम नज़र आ रही है।