देहरादून से कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी की विशेष रिपोर्ट –
जिस भी माता पिता की बेटी है वो इस खबर को ध्यान से दिल से पढ़े। जिसको अपने घर बेटी होने का अफ़सोस है वो तो ज़रूर पढ़े , क्योंकि अगर आपकी बिटिया भी कल गरिमा जैसी कामयाब शख्सियत बन गयी तो आपको आज की ये खबर ज़रूर याद आएगी। देश का कोई भी स्टूडेंट हो उसके लिए यूपीएससी परीक्षा को पास करना एक बड़ी चुनौती मानी जाती है। काबिलियत जूनून और लगन का अगर आपके अंदर सामंजस्य है तो आप अपना सपना ज़रूर पूरा कर सकते हैं। IAS गरिमा अग्रवाल भी एक ऎसी ही मिसाल हैं जिन्होंने इस चुनौती का सामना किया और पहले IPS बनीं और फिर अगली कोशिश में IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। उनकी यूपीएससी की यात्रा लाखों हिंदुस्तानी युवाओं के लिए प्रेरणा है , ख़ास कर लड़कियों के लिए तो एक रोलमॉडल बन गई हैं।
गरिमा अग्रवाल 2019 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से मध्य प्रदेश के खरगोन की रहने वाली हैं। शुरू से पढ़ाई में मेधावी रहीं गरिमा ने स्कूल की पढ़ाई खरगोन के ही सरस्वती विद्या मंदिर से की और 10वीं में 92 फीसदी अंक हासिल किए। इसके बाद 12वीं में उन्हें 89 फीसदी अंक मिले।12वीं के बाद गरिमा ने आईआईटी हैदराबाद से इंजीनियरिंग की और जर्मनी में इंटर्नशिप करने चली गईं। लेकिन उन्होंने विदेश में सेवाएं देने की जगह अपने देश को चुना और भारत आकर तैयारी करना शुरू कर दिया।
साल 2017 में अपने पहले अटेंप्ट में ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल की और IPS अधिकारी बनीं। इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और साल 2019 में दोबारा परीक्षा दी और इस दूसरे अटेंप्ट में 40 वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनीं।
गरिमा का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी में धैर्य रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में उन लोगों के साथ रखें, जो आपको पॉजिटिव रखें। तो अगर आप भी अपने आँखों में ऐसा ही कोई सुनहरा सपना पालते हुए शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं तो गरिमा अग्रवाल जैसी मिनट भी ज़रूर कीजिये कामयाबी , आपके कदम चूमेगी।