Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत को सरकार के साथ-साथ पार्टी से भी भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब चर्चा है कि हरक सिंह रावत एक-दो विधायकों के साथ वापस कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
फिलहाल कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि हरक सिंह छह साल बाद फिर से घर वापसी कर सकते हैं, यानी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। खैर, जितना कहने में ये आसान है, हकीकत में उतना ही मुश्किल है। कांग्रेस में हरक सिंह की वापसी आसान नहीं दिख रही है। माना जा रहा है कि छह साल पहले यानी 2016 में नौ विधायकों के साथ हरक सिंह रावत ने जो चाल चली थी, अब वो भारी पड़ सकती है। इसके रूझान भी अभी से दिखने लगे हैं।
भाजपा से क्यों निकाले गए रावत?
बताया जाता है कि चुनाव आते ही हरक सिंह के बगावती सुर तेज होने लगे थे। वह विधानसभा चुनाव के लिए तीन सीट पर टिकट मांग रहे थे। एक खुद के लिए, दूसरा रिश्तेदार के लिए और तीसरा अपनी बहू के लिए। भाजपा सिर्फ एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले पर अड़ी थी। इसके बाद हरक ने पार्टी की बैठकों में शामिल होना भी बंद कर दिया। बताया जाता है कि हरक सिंह के बागी तेवर देख भाजपा असमंजस में थी। पार्टी नहीं चाहती थी कि जिस तरह से टिकट कटने के डर से उत्तर प्रदेश में मंत्री और विधायकों ने पार्टी छोड़ी, वो उत्तराखंड में भी हो। इसलिए हरक सिंह रावत खुद इस्तीफा दें, इससे पहले पार्टी ने खुद उन्हें निलंबित कर दिया।