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सहायक अभियंता शैलेंद्र मिश्रा पहले भी एक मामले में रिवर्ट किए जा चुके हैं. वे अधिशासी अभियंता से सहायक अभियंता पद पर रिवर्ट किए गए थे. शासन ने तीनों को सस्पेंड करने के साथ ही पूरे मामले की जांच चीफ इंजीनियर अशोक कुमार को सौंपी है. उन्हें एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सबमिट करनी होगी.
फ्लाई ओवर भी धंसा
दूसरी ओर, देहरादून- हरिद्वार हाईवे पर डोईवाला मार्केट को कनेक्ट करने के लिए बनाए गए फ्लाई ओवर भी धंस गई है. इस फ्लाई ओवर को बने हुए अभी 6 महीने का समय भी नहीं बीता है. नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ने इसका निर्माण किया था. शासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी के रिजिनल ऑफिसर सीके सिंह को तलब कर पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि थानों मोटर मार्ग पर 2018 में भी भोपालपानी में बने पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त हो गई थी. तब भी तीन इंजीनियरों को सस्पेंड करने के साथ ही एक सहायक अभियंता कांडपाल को रिवर्ट कर दिया गया था.
जानकारों की मानें तो भोपालपानी और बड़ासी पुल को बनाने में रिवर्ट किए गए इंजीनियर कांडपाल की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसमें डिजाइन की सरासर अनदेखी की गई थी. आरसीसी वाल की जगह एप्रोच रोड में ब्लॉग बनाकर रिटेनिग वॉल खड़ी कर दी गई और सड़क में लूज मलबा भर दिया गया, जो अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. जानकर कहते हैं कि विभाग को अब दोनों फ्लाई ओवर की एप्रोच रोड नए सिरे से बनानी होगी, तब जाकर सड़क टिक पाएगी.
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