Uttarakhand News: कोरोना काल में क्‍या हाल है चीन से लगे 43 गांवों का? पढ़ें ये र‍िपोर्ट

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हिमालय से लगे गांव में भी अब कोरोना का खतरा बना हुआ है

हिमालय से लगे गांव में भी अब कोरोना का खतरा बना हुआ है

Uttarakhand News: चीन सीमा से सटे उत्‍तराखंड के 43 गांव में स्नोफॉल के बाद निचले इलाकों में लौटे ग्रामीण ऊपरी इलाकों के लिए माइग्रेशन करने लगे हैं. हालांकि गांव जाने से पहले इन लोगों की जांच और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही इनको ऊपरी इलाकों में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.

कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह से गांव को चपेट में लिए है, उसे अब हिमालय से लगे गांव में खतरा बना हुआ है. हालांकि ‘रं कल्याण संस्था’ चीन सीमा से लगे अपने 43 गांव को मदद के लिए आगे आई है. वहीं कमिश्नर कुमाऊं ने भी डीएम की निर्देश जारी किए हैं.

चीन सीमा से लगे इन 43 गांव को कोरोना से बचने के लिए रं संस्था आगे आई है. रं संस्था के सदस्‍य डॉक्टर एमएस दुग्ताल ने कहा क‍ि बर्फीले रास्तों के साथ खड़ी चढ़ाई वाले रास्तों को पार कर युवा व्यास, चौंदास, दारमा घाटी में कोविड किट दवा, पीपीई कीट, थर्मामीटर, मास्क सेनेटाइजर पहुंचा रहे हैं. रं संस्था ने इसके लिए अलग-अलग घाटियों के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है. हालांकि इन युवाओं का हौसला भी है टूटे ग्लेशियर पार कर मार्छा, सीपू तक मदद पहुंची है.

दरअसल स्नोफॉल के बाद निचले इलाकों में लौटे ग्रामीण ऊपरी इलाकों के लिए माइग्रेशन करने लगे हैं. हालांकि गांव जाने से पहले इन लोगों की जांच और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही इनको ऊपरी इलाकों में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.

वहीं कुमाऊं कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी ने पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि इन वैली में दवा व टेस्टिंग की सुविधा हो और जरूरत पड़ने पर लोगों को मदद मिल सके. बहरहाल रं संस्था ने जो पहल शुरू की है उससे चीन सीमा से लगे 43 गावँ को कोरोना मुक्त करने में फायदा मिलेगा। हालांकि ऐसे प्रयास अगर अन्य स्थानों या गांवों में होंगे तो कोरोना से ये गांव पार पा सकेंगे.कोरोना संक्रमण के मामले में सभी जिलों को पिथौरागढ़ ने पछाड़ा

वहीं पहाड़ी जनपद पिथौरागढ़ ने कोरोना संक्रमण के मामले में सभी जिलों को पछाड़ दिया है. ये पहला मौका है जब सूबे का कोई पहाड़ी जिला मैदानी जिलों से आगे निकला हो. पिथौरागढ़ में बीते रोज एक दिन में 276 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए थे. कोरोना की पहली लहर हो या फिर दूसरी मैदानी जिलों में ही संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए थे. देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल ने संक्रमण की सबसे अधिक मार झेली है, लेकिन बीते रोज के आंकड़ों ने हर किसी को हैरान कर दिया है.

पिथौरागढ़ में बीते रोज 276 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. हेल्थ डिपार्टमेंट से जारी आंकड़ों में मुताबिक बॉर्डर जिले ने सूबे के सभी 12 जिलों को पीछे छोड़ डाला. यहां तक कि जनसंख्या में पिथौरागढ़ से तीन गुना अधिक देहरादून तक दूसरे नबंर पर है.





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