किन महिलाओं को ज़रूरी है टैक्स रिटर्न दाखिल करना ?

क्या गृहिणी को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए या नहीं? अब इसका जवाब सीधा हां या नहीं है बल्कि समझने योग्य है. कई बार गृहिणियों को विभिन्न स्रोतों से धन प्राप्त होता है. अब यदि अकाउंट में पैसा आ रहा है तो इसका स्रोत महिला को पता होना चाहिए. साथ ही, यह नियमित आ रहा धन, आय माना जाएगा या नहीं, इसके भी नियम हैं. जब हम बात आयकर रिटर्न फाइल करने की करते हैं तो इसका मतलब सरकार को टैक्स चुकाना नहीं हो जाता. किसी भी वित्त वर्ष की समाप्ति पर आयकर रिटर्न फाइल करके आप सरकार या इनकम टैक्स विभाग को यह भी इन्फॉर्म करते हैं कि आप इनकम टैक्स देनदारी के दायरे में नहीं आते. आयकर रिटर्न भरना और इनकम टैक्स जमा करना, दो अलग बाते हैं.

मकान का किराया हाउसवाइफ के खाते मे आता है…

यदि आप हाउसवाइफ हैं तो हो सकता है कि आपके नाम पर मकान का किराया आपके बैंक खाते में आ रहा हो, यह भी हो सकता है कि आपके पति विदेश में रहते हों और वह आपको हर माह एकमुश्त रकम आपके बैंक खाते में भेजते हों. साथ ही, यह भी हो सकता है कि आपको विभिन्न तोहफों के तौर पर बैंक में रकम मिली हो. इस सिचुएशन या ऐसे में क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा, इस पर हमने टैक्स मामलों के जानकार से बात की. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

टैक्स मामलों के जानकार कंसल्टेंट का कहना है जब हम कह रहे हैं हाउसवाइफ (या फिर हाउस हज्बंड) तो इसका मतलब है कि उनकी इनकम नहीं है. तो उन्हें आईटीआर फाइल नहीं करने की जरूरत नहीं है. मगर, यदि गृहिणी की कोई इनकम है जो किराए के जरिए (रेंटल इनकम) हो रही है या फिर एफडी या अन्य बैंक सेविंग या स्कीम से प्राप्त ब्याज की आय प्राप्त हो रही है, या फिर महिला ने अपने बचत के पैसे को शेयर बाजार में लगाया है और उन्हें डिविडेंड प्राप्त हुआ है तो हाउसवाइफ को भी आईटीआर भरना होगा.

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