केंद्र सरकार सिलक्यारा बचाव कार्य तत्काल अपने हाथों में ले – धस्माना

मंत्री प्रसाद नैथानी और डेलिगेशन की मौके पर परिजनों से मुलाकात

उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में भूधसाव के कारण फंसे 40 श्रमिकों के बचाव कार्य को तत्काल केंद्र सरकार को अपने हाथों में लेकर सेना की मदद लेनी चाहिए यह बात एआईसीसी सदस्य व उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही। उन्होंने कहा कि पहले ही हम बहुत महत्वपूर्ण चार दिन गंवा चुके हैं और 80 घण्टों से ज्यादा समय हो गया है श्रमिकों के फंसे हुए और अब अधिक देरी उनकी जान के लिए घातक हो सकती है।

धस्माना ने कहा कि क्योंकि सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग राष्ट्रीय राज मार्ग के अंतर्गत आती है तो इस पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री को तत्काल संज्ञान ले कर बचाव कार्य को केंद्रीय स्तर पर अपने हाथों में लेना चाहिए था जो नहीं किया गया और इससे बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि साढ़े चार किलोमीटर की सुरंग खोदे जाने के काम में कोई इंतज़ाम किसी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए नहीं किये गए थे जबकि हम कुछ वर्ष पूर्व रैणी आपदा झेल चुके हैं जिसमें सुरंग में फंसे लोगों को जीवित नहीं निकाला जा सका था। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा अफसोसनाक बात क्या हो सकती है कि राजधानी देहरादून में बैठी सरकार इतनी बड़ी आपदा घटित हो जाने के बाद भी सरकार के बड़े लोग दीपावली मनाने के बाद अगले दिन घटनास्थल पहुंचे। धस्माना ने कहा कि देश भर में राष्ट्रीय राज मार्गों का श्रेय लेने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान तक जारी नहीं किया।

धस्माना ने कहा कि बचाव के लिए काम में लगी ड्रिलिंग मशीन खराब हो गयी किंतु वैकल्पिक बैकअप मशीन की कोई व्यवस्था न होना बचाव कार्य की गंभीरता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। धस्माना ने कहा कि अभी तक कांग्रेस ने एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए बचाव कार्य पर कोई सवाल खड़े नहीं किये जिससे बचाव कार्य में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल न टूटे किंतु अब फंसे हुए लोगों के परिवारजनों के धैर्य जवाब दे रहा है इसलिए सिस्टम को झकझोरने जरूरी है। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने पूर्व मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी के साथ पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को सिलक्यारा रवाना किया है जो मौके में पहुंच कर स्थितियों का जायज़ा लेगा व प्रभावितों के परिजनों से मिलेगा।

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