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एक कार्यक्रम में रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा. तस्वीर Twitter से साभार.
रुड़की के विधायक को रोकने, टोकने और गाइडलाइन तोड़ने पर जुर्माना ठोकने का साहस करना एक सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया है. हालांकि इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और विरोध की चेतावनी दी गई है.
देहरादून. एक वीडियो सोशल मीडिया पर था, जिसमें मसूरी में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर ने कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन न करने वाले एक विधायक पर जुर्माना लगा दिया था. इस वीडियो में सब इंस्पेक्टर ने अपना कर्तव्य निभाने की बात कही थी, तो विधायक को वीडियो में रुपये फेंकते हुए भी देखा गया था. इस चर्चित वीडियो के वायरल होने के बाद खबर है कि उस सब इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है. इस खबर के बाद ये आरोप भी लग रहे हैं कि इस दारोगा को मौजूदा विधायक के खिलाफ कानूनी दायरे में कार्रवाई करने का साहस दिखाने का अंजाम भुगतना पड़ रहा है.
मामला यह है कि बीते रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो था, जिसमें रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा कथित तौर पर अपने परिवार के साथ मसूरी में लॉकडाउन के समय में घूमते दिख रहे थे और मास्क भी नहीं पहने थे. इस पर ऐतराज़ करते हुए एक सब इंस्पेक्टर ने उन पर जुर्माना लगाया था. मसूरी सर्कल अफसर नरेंद्र पंत ने बताया कि नीरक कठैत नाम के इस सब इंस्पेक्टर का तबादला देहरादून से 40 किलोमीटर दूर कलसी में कर दिया गया है.
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पुलिस अफसर के ट्रांसफर किए जाने के फैसले का विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं. (File Photo)
क्या था वीडियो और अब क्या है विरोध?
इस वीडियो की दो खास बातें चर्चा में रही थीं, कि कठैत 500 रुपये का जुर्माना लगाए जाने की बात कहते हुए दिखे थे और दूसरी, कि विधायक वीडियो में गुस्से में आकर दारोगा की तरफ नोट उछालते हुए. अब जबकि कठैत का तबादला कर दिए जाने की खबर आई है, तब स्थानीय लोगों ने इस कदम का विरोध किया है. मसूरी व्यापारी संगठन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए ट्रांसफर रुकवाने की मांग तक कर डाली है.
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दूसरी तरफ, कांग्रेस के मसूरी इकाई के प्रमुख गौरव अगरवालिया ने कठैत के ट्रांसफर को रोकने की मांग करते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त न करते हुए बड़ा विरोध भी किया जाएगा. वहीं, सर्कल अफसर पंत का कहना है कि मसूरी में पोस्टिंग के तीन साल कठैत पूरे कर चुके थे और उनका ट्रांसफर ड्यू चल रहा था.
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