उत्तराखंड : जल्द हो बचाव कार्य, इसलिए टिहरी ने बनाई अपनी आपदा रिस्पॉंस फोर्स

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टिहरी गढ़वाल में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉंस टीमें तैनात की गईं.

टिहरी गढ़वाल में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉंस टीमें तैनात की गईं.

आपदा की घटना होने पर क्विक रिस्पॉंस कर सकेगी डीडीआरएफ की टीम. इस टीम में तैनात जवानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. दावा है कि इस टीम के बाद राहत कार्यों में देर होने की समस्या पेश नहीं आएगी.

टिहरी. मानसून के दौरान आपदा की स्थि​ति में राहत और बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ की तर्ज पर डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पॉंस फोर्स यानी डीडीआरएफ का गठन किया गया है. ये टीमें सभी तहसीलों में तैनात कर दी गई हैं, जिसमें पीआरडी और होमगार्ड के 5-5 जवान शामिल हैं. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इन पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को खोज, बचाव और फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दी गई थी. ट्रेनिंग में सफल जवानों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा डीडीआरएफ का गठन किया गया और ज़िले की सभी 10 तहसीलों में इन्हें तैनात कर दिया गया.

आपदा की घटनाओं में राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में समय लग जाता है, जिससे राहत बचाव कार्य देरी से शुरू हो पाता है. इसके मद्देनज़र ज़िला स्तर पर ऐसी फोर्स का गठन किया गया है, जो सभी तहसीलों में तैनात होगी और क्विक रिस्पॉंस दे सकेगी.

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कंट्रोल रूम से की जा रही है पूरे ज़िले की स्थिति की निगरानी.

कब और कैसे रिस्पॉंस करेगी डीडीआरएफ?

आपदा की दृष्टि से टिहरी ज़िले के घनसाली, नरेन्द्रनगर क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील हैं. हालांकि घनसाली में एसडीआरएफ की टीम पहले से मौजूद है लेकिन बड़ा और सीमान्त क्षेत्र होने के चलते कई बार दूरस्थ इलाकों तक पहुंचने में एसडीआरएफ की टीम को काफी समय लग जाता था, जिससे बचाव कार्य में देरी होती थी. लेकिन डीडीआरएफ की टीम तहसीलों में तैनात होने से आपदा की स्थिति में तुरंत बचाव कार्य हो सकेगा, ऐसा दावा किया गया है. मानसून के चलते आपदा की दृष्टि से जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम द्वारा ज़िले की मॉनीटरिंग की जा रही है और अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.

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मानसून में किसी भी अप्रिय घटना होने पर कंट्रोल रूम द्वारा संबधित क्षेत्र में डीडीआरएफ की टीम सहित अधिकारियों को सूचना देकर क्विक रिस्पॉंस के लिए निर्देशित किया जा सकेगा. ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट का कहना है कि डीडीआरएफ टीम में शामिल जवानों को आपदा राहत बचाव कार्य आदि की ट्रेनिंग दी जा चुकी है.





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