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एसआईटी के अधिकारी राकेश रावत ने कहा, ‘हमने अब तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी है और मामले में शामिल हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है.’ रावत के हवाले से टीओआई की रिपोर्ट में इस बात के साथ ही झा का वक्तव्य भी शामिल किया गया है. झा ने स्वीकार किया है कि एसआईटी उन्हें भी जांच के घेरे में ले चुकी है. झा ने कहा, ‘मुझसे पूछताछ ज़रूर की गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं आरोपी हूंं. मैं इस मामले में बेदाग हूं.’
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सीएमओ हरिद्वार के पोर्टल से साभार ली गई डॉ. एसके झा की तस्वीर.
जांच के घेरे में क्यों आए सीएमओ?
मामले के मुताबिक हरियाणा की डेल्फिया लैब के साथ मिलकर नलवा पैथ लैब ने करीब 1 लाख कोविड टेस्ट कुंभ के दौरान किए थे. पिछले दिनों जांच के दौरान नलवा लैब ने कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, जिनसे सीएमओ की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक डेल्फिया लैब को पिछले साल रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ में मुफ्त फर्स्ट एड किट बांटने के लिए अनुबंधित किया गया था, तब ज़िले के सीएमओ झा ही थे. एक जांच अधिकारी ने कहा, ‘केदारनाथ और कुंभ में एक ही लैब को काम मिलना और दोनों ही जगह वरिष्ठ अधिकारी का एक ही होना, नज़रअंदाज़ किया जाने वाला संयोग नहीं है. इस संदर्भ में जांच की जा रही है.’
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