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उत्तराखंड: अब कुख्यात अपराधियों को कोर्ट से बेल लेने में होगी दिक्कतें, जानें वजह

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 साथ ही पुलिस को कुख्यात बदमाशों के खिलाफ उनके आपराधिक इतिहास को देखते हुए गैंगस्टर जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने में भी आसानी होगी.

साथ ही पुलिस को कुख्यात बदमाशों के खिलाफ उनके आपराधिक इतिहास को देखते हुए गैंगस्टर जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने में भी आसानी होगी.

अब सीसीटीएनएस पर ऐसे सभी अपराधियों का आपराधिक इतिहास का पूरा रिकॉर्ड एसटीएफ (STF) द्वारा रखा जायेगा.

देहरादून.  उत्तराखंड (Uttarakhand) में अब कुख्यात बदमाशों को कोर्ट में आसानी से जमानत (Bail) नहीं मिल पायेगी, क्योंकि ऐसे बदमाशों (Gangsters) का आपराधिक इतिहास अब किसी भी थाने को एक क्लिक पर मिल जायेगा. इससे पुलिस को अपराधी का आपराधिक इतिहास आसानी से मिलने पर कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखने में आसानी होगी. साथ ही पुलिस को कुख्यात बदमाशों के खिलाफ उनके आपराधिक इतिहास को देखते हुए गैंगस्टर जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने में भी आसानी होगी.

दरअसल, ये देखने को मिल रहा है कि कई मामलों में अपराधी कोर्ट से आसानी से बेल ले लेते हैं और ऐसे में पुलिस द्वारा इसका विरोध करने पर पुलिस को अपराधी का सभी थानों से डेटा मंगवाने पर काफी दिक्कतें आती हैं और समय भी लगता है.

कुख्यात अपराधियों को आसानी से जमानत न मिल सके

अब सीसीटीएनएस पर ऐसे सभी अपराधियों का आपराधिक इतिहास का पूरा रिकॉर्ड एसटीएफ द्वारा रखा जायेगा, जिससे बदमाश अगर जमानत लेने की कोशिश करता है तो उसका पुराना रिकॉर्ड दिखाकर उसकी जमानत को रद्द किया जा सकता है. डीआइजी एसटीएफ नीलेश भरणे ने बताया कि किसी भी विवेचना अधिकारी को इससे सहूलियत मिलेगी. इससे अपराधी को कोर्ट से जमानत मिलने में दिक्कत होगी जिससे अपराधी को जेल में आसानी से भेजा जा सकता है. इन कुख्यात अपराधियों का 10 साल का आपराधिक डेटा तैयार कर ऑनलाइन वेबसाइट में डाला जा रहा है. इसे लेकर सभी विवेचना अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया गया है कि वह इस डेटा के जरिये कोर्ट में मजबूती के साथ पैरवी करें, ताकि कुख्यात अपराधियों को आसानी से जमानत न मिल सके.





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