“बड़ा हो या छोटा, अपना घर आखिर अपना होता है.” ये बात एकदम सही भी है. भारत में हर कोई अपना घर बनाने का ख्वाब जरूर देखता है. कुछ लोग अपने करियर के दौरान ही घर बना लेते हैं तो कुछ रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त मिलने वाले पैसों से घर खरीदते हैं. परंतु, आपको ये भी जान लेना चाहिए कि भारतीय कानून के हिसाब से आप कितने घर खरीद सकते हैं या रख सकते हैं. कुछ लोग ये सोचते हैं कि कहीं घर में रखने वाले रुपयों और गोल्ड की तरह घर पर भी तो कोई लिमिट नहीं है? तो आज हम इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
निवेश की दुनिया से जुड़े एक्सपर्ट्स ने इस मुद्दे पर इनकम टैक्स के कानून के हिसाब से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आयकर विभाग को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि आपके पास कितने घर हैं या आप कितने घरों पर होम लोन का लाभ लेना चाहते हैं. लेकिन इतना ही नहीं, इसके साथ कुछ और नियम भी हैं.यहां भी कैश और गोल्ड वाली बात लागू होती है. मान लीजिए अगर किसी के पास नाम पर 5 या 10 घर रजिस्टर्ड हैं तो वह कानूनी जांच के दायरे में आ सकता है. यहां भी उसे अपनी आय के स्रोतों का ब्यौरा देना होगा या साबित करना होगा कि ये घर सच में उसे विरासत में मिले हैं. परंतु यदि उस व्यक्ति की आय के स्रोत सही हैं और उसके द्वारा रुपयों का भुगतान सही तरीके से किया गया है तो उसे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं.
कितने घरों पर मिलेगी टैक्स में छूट
घर तो एक व्यक्ति कितने भी खरीद और रख सकता है, परंतु उसे टैक्स में छूट केवल 2 सेल्फ-ऑक्यूपाइड घरों पर ही मिलेगी. यदि आपने एक घर में अपने माता-पिता को दिया है तो उस घर को भी सेल्फ-ऑक्यूपाइड माना जाता है. इस तरह, टैक्स का कानून कहता है कि आप कितने भी घरों के लिए होम लोन की री-पेमेंट के लिए टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं.