Flash Story
DBS:फेस्ट में दून कालेजों के छात्रों का संगम,समापन सत्र में पहुंचे मंत्री सुबोध उनियाल
देहरादून :  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लिवर रोगों  को दूर करने में सबसे आगे 
जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए क्या हैं नियम
क्या आप जानते हैं किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
आग में फंसे लोगों के लिये देवदूत बनी दून पुलिस
आगर आपको चाहिए बाइक और स्कूटर पर AC जैसी हवा तो पड़ ले यह खबर
रुद्रपुर : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर युवती से एक लाख से ज्यादा की ठगी
देहरादून : दिपेश सिंह कैड़ा ने UPSC के लिए छोड़ दी थी नौकरी, तीसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना

क्या संपत्ति बेचकर उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों दी जाएगी सैलरी? एमडी परिवहन ने HC में दिया ये जवाब

[ad_1]

नैनीताल. उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों (Uttarakhand Roadways) की सैलरी मामले पर कैबिनेट बैठक न करने पर मुख्य सचिव ने कोर्ट (High Court) को बताया कि अभी बैठक संभव नहीं हो सकी है. लेकिन आने वाले दिनों में प्रस्तावित बैठक में सैलरी के मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा. इस पर कोर्ट ने 16 जुलाई को संभावित बैठक कर विचार करने के निर्देश दिए हैं. चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार को परिवहन निगम का 23 करोड़ की धनराशि अवमुक्त करने को भी कहा है. कोर्ट ने कहा है कि रोडवेज कर्मचारी महामारी से नुकसान का जिम्मेदार नहीं है. काम के बदले तनख्वा उसका मूलभूत अधिकार है और सरकार ये अधिकार नहीं छीन सकती है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एमडी परिवहन से जानकारी सैलरी को लेकर मांगी तो एमडी ने कहा कि गांधी रोड पर तीन संपत्तियां बेचने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है.

एमडी परिवहन ने सरकार के निर्णय लेने के बाद उस धनराशि से सैलरी व अन्य देनदारी पूरी करने की बात कही है. हालांकि कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं रही. सरकार को पूरा प्लान तैयार कर कोर्ट को 19 जुलाई तक बताने के निर्देश दिए हैं.

कर्मचारी यूनियन ने दाखिल की थी याचिका

आपको बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं मिलने के मामले में रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने याचिका दाखिल की है जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि इस मामले का नेचर सर्विस से जुड़ा है. यह कर्मचारियों के वेतन का मामला है. इसमें सर्विस की रिट दायर होनी थी. याचिकर्ता ने जनहित याचिका दायर कर दी इसलिए यह पोषणीय नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि निगम के  कर्मचारीयो को पांच माह से वेतन नहीं दिया गया. कोर्ट इस मामले को सुमोटो भी ले सकती है. यह कोर्ट की पावर है क्योंकि यहां कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है.

ये भी पढ़ें: Sirmour Bus Accident: सिसक उठी घाटी, एक साथ जलीं नौ चिताएं, पिता ने बेटों की अर्थी को दिया कंधा

कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि राज्य बनने पर जो सम्पतियों का बंटवारा हुआ था वह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उस केस में क्या हुआ अगली तारीख को उसकी स्थित के बारे में बताएं. रोडवेज कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए उनके अधिवक्ता मनोज पंत ने कोर्ट को बताया कि एमडी ओर से रखे गए प्लान में भविष्य की तनख्वाह, पीएफ, ग्रेच्यूटी व ईएसआई का जिक्र नहीं है.  ईएसआई व पीएफ जमा न होने से कर्मचारियों के भविष्य सुरक्षा के साथ ही उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा में भी समस्या आ रही है. इसके अलावा यूपी से परिसंपत्ति बंटवारे से मिलनी वाली राशि को लेकर भी निगम एमडी की ओर से कुछ नहीं बताया गया है. जिस पर कोर्ट ने परिवहन निगम एमडी को नए सिरे से निगम के रिवाइवल प्लान में सभी बिंदुओं को शामिल करने को कहा.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top