Flash Story
उत्तराखंड के बैडमिंटन खिलाड़ियों का जलवा, ऑल इंडिया टूर्नामेंट में जीते चार पदक
क्यों पूरे भरे ईंधन के साथ लैंडिंग नहीं करते हैं विमान, निकाल देते हैं फ्यूल
उत्तराखंड : साइबर ठगी का शिकार हुए देहरादून के लेफ्टिनेंट कर्नल, गंवाए नौ लाख रुपये
उत्तराखंड : गर्मी ने तोड़ा सात साल का रिकॉर्ड, हीट वेव का अलर्ट जारी
धूप से लौटते ही करते हैं ये गलतियां तो हो जाएं सतर्क 
विश्व जाट संवाद यात्रा पहुंची देहरादून,जाट एकता के लिए कार्य किया जाएगा-पलसानिया 
मुख्यमंत्री ने लिया जनता से फीडबैक , अधिकारियों को दिए निर्देश 
E PAPER OF 18 MAY 2024
चारधाम यात्रा की लगातार मॉनिटरिंग करें अधिकारी : सीएम धामी 

Uttarakhand: बारिश ने ढाया कहर, दर्जनों सड़कें तबाह, चीन से लगते लिपुलेख से कटा संपर्क

[ad_1]

पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले (Pithoragarh District) में पहली बरसात ने जमकर तबाही मचाई है. बीते दिनों लगातार हुई भारी बारिश (Rain) से जहां दर्जनों सड़कें बर्बाद हो गईं, वहीं कइयों के आशियाने भी जमींदोज हो गए. पैदल रास्तों और पुलों के टूटने से कई गांव का संपर्क भी टूट गया है. दरअसल, 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका होगा जब पहली बरसात ने बॉर्डर डिस्ट्रिक में जमकर कहर ढाया. धारचूला (Dharchula), मुनस्यारी और बंगापानी तहसील क्षेत्र में आसमानी आफत ने लोगों को मुश्किल में डाला है. सड़कें, पैदल रास्ते, पुल और कई मकान ध्‍वस्‍त हो गए हैं. हालात ये हैं कि लोगों को इधर-उधर जाने के लिए अपनी जान तक को जोखिम में डालना पड़ रहा है. दारमा घाटी के दर्जनों गांव तो जैसे जहां थे, वहीं कैद हो गए हैं. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेन्द्र महर ने बताया कि जहां भी नुकसान की सूचना मिल रही है, वहां राहत कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं.

चीन सीमा से लगते लिपुलेख बॉर्डर के साथ ही दारमा घाटी का सम्पर्क पूरी तरह कटा है, जबकि कुल 20 रोड भारी लैंडस्लाइड के कारण जगह-जगह बंद हैं. मूसलाधार बारिश से 18 मकान पूरी तरह आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं. यही नहीं 6 पैदल पुलों के साथ 1 मोटर पुल भी जमींदोज हुआ है. जबकि 1265 मीटर लम्बाई की सड़कों को आसमानी आफत अपने साथ बहा चुकी है. जान के नुकसान की बात करें तो 1 व्यक्ति के साथ 9 जानवर भी आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं. पैदल रास्ते और सड़कें बंद होने से दुर्गम इलाकों में वैक्सीनेशन का काम भी ठप पड़ गया है. एडीएम एफआर चौहान का कहना है कि मानकों के मुताबिक, आपदा प्रभावितों को मुआवजा आदि तत्काल दिया जा रहा है.

प्री-मानसून की बारिश ने किया बेहाल

इस बात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्री मानसून की बारिश में जब ये हाल है तो 3 महीने की बरसात किस कदर भारी पड़ेगी. ऐसे में जरूरी यह है कि आपदा प्रबंधन तंत्र को हर वक्त अलर्ट मोड में रखा जाए, ताकि इंसानी जिंदगी को आसमानी आफत से बचाया जा सके.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top