भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण सड़क हादसों की संख्या काफी अधिक है। आए दिन नशे में धुत चालकों की गैरजिम्मेदाराना हरकत से सड़क हादसे में कई लोगों की जान तक चली जाती है। देश में सड़क दुर्घटनाओं पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हाल ही में जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीकर गाड़ी चलाना ओवर स्पीडिंग और ट्राफिक नियम को तोड़ने के बाद सड़क हादसों का तीसरा सबसे आम कारण है। सरकारी आकड़ों के अनुसार कुल सड़क हादसों में से 3.5 प्रतिशत हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं।
इसी समस्या का समाधान अब जल्द ही मार्केट में लॉन्च किया जाने वाला है। धनबाद के तीन इंजीनियरों द्वारा एक ऐसे डिवाइस की पेशकेश की गयी है जो शराबियों को गाड़ी ड्राइव करने से रोकेगी। कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी BCCL (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) की वार्षिक सुरक्षा प्रदर्शनी में इस तकनीक को पेश किया गया है।
कैसे काम करता है डिवाइस
इस तकनीक का नाम ह्यस्मार्ट सेफ्टी सिस्टम अगेंस्ट अल्कोहल इन व्हीकल- एसएसएसएएवी रखा गया है। यह एक ऐसी डिवाइस है, जिसे ड्राइविंग सीट के सामने लगाया जाता है। यह डिवाइस ड्राइविंग सीट पर बैठने वाले शख्स की सांस को सेंसर के जरिए पहचान लेती है। यदि व्यक्ति ने शराब पी रखी है तो डिवाइस गाड़ी को स्टार्ट ही नहीं होने देगी। यदि गाड़ी का इंजन पहले से स्टार्ट हो और इसके बाद ड्राइविंग सीट पर कोई व्यक्ति शराब पीकर बैठता है तो इंजन खुद ही बंद हो जाएगा।
तीन इंजीनियर ने बनाया है ये डिवाइस
इस डिवाइस को बीसीसीएल में काम करने वाले तीन इंजीनियरों अजीत यादव, सिद्धार्थ सुमन और मनीष बलमुचू ने डिज़ाइन किया है। कोयला क्षेत्र में ट्रांसपोर्टिंग करने वाली गाड़ियों की दुर्घटनाओं में ज्यादातर मामलों में ड्राइवर के शराब के नशे में होने की बात सामने आती है। तभी उन्होंने तय किया कि कोई ऐसी तकनीक विकसित की जाए, जिससे ड्राइवर को शराब पीने से रोका जा सके। उन्होंने कंपनी को इस डिवाइस के उपयोग का सुझाव भी दिया है।
कब शुरू होगा इसका उपयोग
बीसीसीएल के पूर्वी क्षेत्र के जीएम एसएस दास ने कहा कि इस डिवाइस को आगे के परीक्षण के लिए डीजीएमएस (डायरेक्टर जेनरल माइंस सेफ्टी) के पास भेजा जाएगा। उनके अप्रूवल के बाद इसका इस्तेमाल करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।