दौड़भाग भरी जिदंगी, तनाव, अवसाद, असंतुलित आहार और अनियमित दिनचर्या ने शरीर को बीमारियों का घर बना दिया है. इनमें से कई बीमारियां तो इतनी गंभीर है कि वे जानलेवा साबित हो रही है. ऐसी ही एक बड़ी बीमारी बन कर उभर रही है ब्रेन ट्यूमर. माना जाता है कि उम्रदराज लोगों में ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना अत्याधिक होती है।
यही कारण है कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगातार सिर में दर्द, शरीर के किसी भाग में कमजोरी महसूस होन, उल्टी आना और आखों में अचानक धुंधलापन छा जाने जैसी शिकायतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर की शुरूआत भी हो सकती है. ऐसे में बीमारी के शुरूआती स्तर पर ही चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। ताकि समय रहते ब्रेन ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सके।
1. क्या होता है ब्रेन ट्यूमर ?
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो सामान्य शरीर में कोशिकाओं का निमार्ण और खत्म होना एक बेहद सामान्य बात है लेकिन यह प्रक्रिया दिमाग में जाकर बाधित भी हो सकती है और जब ये प्रक्रिया रुक जाती है तो विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेन में ट्यूमर सेल्स बनने लगते हैं। ये सेल्स धीरे-धीरे गांठ का रूप लेने लगती हैं जो कैंसर सहित या फिर कैंसर रहित हो सकते हैं। मस्तिष्क कई हिस्सों में बंटा होता है। ऐसे में जिस हिस्से में ट्यूमर होता है उस भाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जो भविष्य के लिए गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
2. क्या है ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ?
कैंसर की तरह ब्रेन ट्यूमर भी जीवन घातक बीमारी है। समय रहते इस बीमारी का इलाज कराने पर जीवन को बचाया जा सकता है। लेकिन गंभीर बीमारी के लक्षण पता नहीं होने पर समय हाथ से निकल जाता है। आम जानकारी के तौर पर ब्रेन ट्यूमर से जुड़े कुछ संकेत हैं जिन्हें पहचान कर समय पर इलाज संभव हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण बेहद सामान्य हैं जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। अगर आपमें भी हैं ये लक्षण तो हो जाइए सावधान
सुबह-सुबह तेज सिरदर्द होना
शरीर को काई हिस्सा सुन्न पड़ जाना
गले में अकड़न महसूस होना
सिर के आकार में वृद्धि होना
नियमित रूप से उल्टी आना
चलते समय लडख़ड़ाना
यादाश्त में कमी आना घटना
घबराहट बने रहना
सुनने और देखने में परेशानी होना
कान में सीटी बजने की आवाज आना
अगर ऐसे लक्षण लगातार या बार-बार दिखें तो न्यूरोसर्जन को दिखाएं। ब्रेन के किस हिस्से में ट्यूमर है, यह पता लगाने के लिए एमआरआई जांच कारगर है। इससे मस्तिष्क और अन्य अंगों की आंतरिक स्थिति की सूक्ष्म स्तर पर जांच की जाती है. इसके अलावा सीटी स्कैन को स्क्रीनिंग टैस्ट की तरह करते हैं. मरीज से फैमिली हिस्ट्री पूछी जाती है क्योंकि यह बीमारी आनुवांशिक भी होती है।