मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए मसूरी गोलीकांड में बेलमती चौहान, हंसा धनई, बलवीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, मदन मोहन ममगाईं, राय सिंह बंगारी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखंड नया राज्य मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी। उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा। जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो, इसके लिए हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है। जन सुविधा के लिए सरकार का ध्यान प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो राज्य आन्दोलनकारी चिन्हीकरण हेतु छूट गये हैं, 31 दिसम्बर 2021 तक उन राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था की जायेगी। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी जिन्हें 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पति/पत्नी को भी 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आन्दोलनकारियों को सेवा से हटाये जाने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए भी राज्य आन्दोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जायेगी। राजकीय अस्पतालों की तरह मेडिकल कॉलेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निःशुल्क ईलाज किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के सिपनकोट के लोगों की पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जायेगी। मसूरी रोपवे का कार्य शुरू होने से पूर्व सिपनकोट के लोगों के पुनर्वास की समस्या का समाधान किया जायेगा। मसूरी में वन टाइम सेटलमेंट लागू किया जायेगा। गढ़वाल सभा के भवन को यदि अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट करना पड़ा तो, इसके लिए दूसरी जगह पर व्यवस्था की जायेगी
केन्द्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान की वजह से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ है। उत्तराखंड अलग राज्य बना, यह प्रदेशवासियों के त्याग का ही परिणाम है। शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप जो कार्य करना होगा, वह सरकार करेगी।