जनता का फीडबैक बताएगा सरकार की योजना पास या फेल – मुख्य सचिव उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि कोविड की पहली और दूसरी लहर के कारण कार्य करने तरीके में परिवर्तन आया है। कोविड के कारण कुछ योजनाओं में अधिक फोकस किया गया है कुछ में कम हुआ है । सीएस ने  कहा कि अब परिस्थितियां बदल रही हैं, अब समय है कि योजनाओं को शीघ्र से शीघ्र धरातल पर उतारा जाए। उन्होंने कहा कि योजना के पूर्ण होने के बाद आम पब्लिक का फीडबैक लेने के बाद ही किसी योजना की सफलता और असफलता माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजनाएं धरातल पर उतर सकें इसके लिए हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के टारगेट को ससमय प्राप्त किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग पेंडेंसी खत्म करें। पेंडेंसी एक बड़ी समस्या है, इसे अभियान चला कर खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला योजना के अप्रूवल 31 मार्च तक ले लिए जाने चाहिए , ताकि नए सत्र का कार्य 1 अप्रैल से शुरू किया जा सके। इसके लिए प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने शिकायत निवारण के क्षेत्र में कमजोर वर्ग पर अधिक फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यों में तेजी लाते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न हो।
प्रमुख सचिव आर सुधांशु ने कहा कि योजनाओं की गुणवत्ता जांच के लिए निश्चित समयांतराल में मॉनिटरिंग की जाए। बेनिफिशियरी ओरिएंटेड स्कीम को समय से पूर्ण किया जाए। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि इंटीग्रेटेड सोलर फार्मिंग एवं पिरूल से विद्युत उत्पादन में काफी अच्छा कार्य चल रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना में आवेदकों को ऋण दिलाने आदि में सहयोग किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ ले सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव  एल. फैनई, सचिव  सुशील कुमार एवं  आर. राजेश कुमार भी उपस्थित थे।

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