Devprayag Cloud Burst : बादल फटने के बाद कैसे हैं हालात? जायज़ा लेने पहुंचे सीएम तीरथ सिंह रावत

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सीएम रावत देवप्रयाग के दौरे पर पहुंचे.

सीएम रावत देवप्रयाग के दौरे पर पहुंचे.

आईटीआई के भवन समेत कई दुकानों के ढह जाने की बातें सामने आई हैं. उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Uttarakhand) ने ट्वीट करते हुए बताया कि जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

उत्तराखंड. टिहरी गढ़वाल रीजन में स्थित देवप्रयाग ज़िले में बादल फटने के बाद बने हालात का जायज़ा लेने राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दौरे पर पहुंचे और वहां आपदा प्रबंधन व ज़िला प्रशासन के अधिकारियों के साथ उन्होंने स्थिति का मुआयना किया. बादल फटने के चलते हुई भारी बारिश के कारण यहां जान का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन माल का काफी नुकसान होने की बात कही गई क्योंकि कुछ भवन और दुकानें ढह गईं. तकरीबन बाढ़ की तरह की स्थिति बनने से देवप्रयाग में संकट गहरा गया क्योंकि ज़िले समेत पूरा प्रदेश पहले ही कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. इस स्थिति के बारे में ज़मीनी जानकारियां लेने के लिए सीएम रावत ने दौरा किया. इससे पहले, बताया गया कि गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर रावत से देवप्रयाग के हालात का ब्योरा लिया था. ये भी पढ़ें : उत्तराखंड-हिमाचल में बहुत भारी बारिश का अलर्ट, इन राज्यों में भी बदल रहा है मौसम!

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प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात कर सीएम रावत ने हालात का जायज़ा लिया.

कितना और क्या हुआ नुकसान? चूंकि कोविड 19 के चलते लगे लॉकडाउन के हालात में बाज़ार में लोग नहीं थे इसलिए जान का नुकसान संभवत: नहीं हुआ है, फिर भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. सीएम रावत ने ट्वीट कर किसी की जान न जाने की बात कही और यह भी कि ज़िला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई. दूसरी तरफ, कम से कम एक दर्जन दुकानें और एक प्रशासनिक भवन के ढह जाने की खबरें हैं. ये भी पढ़ें : उत्तराखंड नौवां राज्य जहां पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस
ज़िला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के मुताबिक कहा गया कि बादल फटने की घटना देवप्रयाग के ऊपरी इलाकों में हुई क्योंकि मौसमी नदी गदेरा में पानी का बहाव अचानक तेज़ हो गया था. इस बहाव के कारण भवनों को नुकसान तो हुआ ही, साथ ही अलकनंदा नदी का कचरा भी बहकर बसाहटों तक आ गया.





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