नैनीताल में नहीं होगा जल संकट! आने वाले समय में पूरा मिलेगा नहाने और पीने को पानी

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हर साल गर्मियों और जाड़े के मौसम में नैनीताल में जल संकट की समस्या पैदा हो जाती है (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

हर साल गर्मियों और जाड़े के मौसम में नैनीताल में जल संकट की समस्या पैदा हो जाती है (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

नैनीताल (Nainital) में पानी की समस्या के समाधान के लिए सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) ने हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाइवे के पास खैरना में एक बैराज बनाने की योजना बनाई है. ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों की भी गला तर हो सके

नैनीताल. पर्यटकों की फेवरेट झीलों की नगरी नैनीताल (Nainital) में अब पानी की किल्लत नहीं होगी. नैनीताल में रहने वाले स्थानीय लोगों के साथ ही यहां आने वाले सैलानियों के लिए आने वाले समय में पानी की पूरी उपलब्धता होगी. बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी (Anil Baluni) ने इसका प्लान तैयार किया है. दरअसल नैनीताल में सुंदर झील (Nainital Lake) होने के बावजूद गर्मी और जाड़े के मौसम में पानी की समस्या होती है. इस दौरान लोगों को कुछ मिनटों या घंटे के लिए ही पानी मिल पाता है. नैनीताल में पानी की समस्या के समाधान के लिए सांसद अनिल बलूनी ने हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाइवे के पास खैरना में एक बैराज बनाने की योजना बनाई है. ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों की भी गला तर हो सके.

मंगलवार को काठगोदाम सर्किट हाउस में नैनीताल से सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान दोनों सांसदों ने बताया कि सिंचाई विभाग को डिटेल्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए 75 लाख रुपये दिए जा चुके हैं. सिंचाई अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक हाइड्रोलॉजी इंस्टीट्यूट, रुड़की की मदद से डीपीआर तैयार करनी होगी.

दरअसल जिस पानी के कारण नैनीताल की पहचान है वही पानी पर्यटन सीजन में यहां के निवासियों के लिए सिरदर्द बन जाता है. रोजाना लोगों की प्यास बुझाने के लिए नैनीझील से आठ एमएलडी पानी निकाला जाता है. लेकिन पर्यटन सीजन में यह मात्रा 15 एमएलडी तक पहुंच जाता है जिसके कारण झील का जलस्तर खासा कम हो जाता है.

बीजेपी के सांसद अनिल बलूनी और नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने मंगलवार को जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर जल संकट दूर करने के ऊपायों पर चर्चा की

वर्ष 2055 तक नैनीताल को 41 MLD पानी की होगी जरूरत

अनिल बलूनी के मुताबिक अभी तो आठ एमएलडी पानी से किसी तरह नैनीताल की प्यास बुझ रही है. लेकिन वर्ष 2055 तक नैनीताल को 41 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी. ऐसे में पानी के लिए नैनीझील की निर्भरता को कम करना होगा. कोसी नदी से जलापूर्ति योजना बनानी होगी. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस कार्य योजना को तत्काल प्राथमिकता में शामिल करते हुए डीपीआर बनाकर उन्हें भेजें. उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार से फंडिंग कराई जाएगी. सरकार के एनएचपी (नेशनल हाइड्रो प्रोजेक्ट) से फंड मिलेगा.

वहीं, नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने कहा कि खैरना-गरमपानी में कोसी नदी में बड़ा बैराज बनाने की योजना है. जहां से प्राइमरी सर्वे के मुताबिक कोसी नदी (गरमपानी) से नैनीताल तक पानी पहुंचाने के लिए 24 किलोमीटर लंबी पेयजल लाइन बिछेगी. नदी से 1.53 एमसीएम पानी स्टोर किया जाएगा. कोसी नदी से नैनीताल तक पेयजल पहुंचाने के लिए चार पंपिंग स्टेशन बडेरी, रातीघाट, पाडली और दूणीखाल में बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बडेरी पुल के पास पानी के संग्रह करने के लिए 120 मीटर लंबी और 12 मीटर ऊंची कृत्रिम झील बनाई जाएगी जिसमें पानी का स्टोर कर पंपिंग स्टेशनों के जरिए लिफ्ट कर पाइपलाइन के जरिए नैनीताल शहर को आपूर्ति की होगी.





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