न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ आलम गाँधी की रिपोर्ट
स्वरोज़गार और कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नए नए रास्ते खोज रही है अब इसमें शामिल हो रहा है ड्रैगन फ्रूट जी हाँ सही सूना आपने ,
विदेशों में उगने वाला ड्रैगन फ्रूट अब उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में भी आपको देखने को मिलेगा.उत्तराखंड उद्यान विभाग ने श्रीनगर में ड्रैगन फ्रूट की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दी है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो ड्रैगन फ्रूट की पौध आमजन तक भी पहुंच सकेगा. वहीं, प्रदेश के बेरोजगार युवा ड्रैगन फ्रूट की खेती करके स्वरोजगार की तरफ आगे बढ़ सकेंगे. इससे पहाड़ों से लेकर मैदान तक युवाओं को नया रोजगार मिल सकेगा.
उद्यान विभाग ने श्रीनगर स्थित विभाग की नर्सरी में अपनी साढ़े तीन नाली भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहा है. इसके लिए विभाग ने भूमि के अंदर 72 स्टैंड स्थापित किए हैं, जिसमें 214 पौधे इन स्टैंड पर लगाए गए हैं. हर स्टैंड पर ड्रैगन फ्रूट के चार बेलनुमा पौधे लगाई हुई है. जिससे ड्रैगन फ्रूट के फल इन पौधों पर आ सके. विभाग ने इन ड्रैगन फ्रूट के पौधों को राजस्थान से मंगाया है. ताकि ड्रैगन फ्रूट की खेती सफलतापूर्वक प्रदेश में की जा सके.
फिलहाल ड्रैगन फ्रूट की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर श्रीनगर में ही किया जा रहा है. अगर विभाग को इसकी खेती में सफलता मिली तो ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरे प्रदेश में स्वरोजगार के रूप में की जा सकेगी. अभी तक देश के राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाती रही है, लेकिन प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते अब इसे प्रदेश में भी किया जा सकेगा.थोड़ा इंतज़ार कीजिये जब इस योजना से पहाड़ों में खुशहाली की नई पौध लहलहायेगी तब किसानों को समृद्ध बनाने की राह और भी आसान हो सकेगी।