करोना काल के दौरान कई ऐसी टर्म्स हमने सुनी जो पहले कभी नहीं सुनीं. मसलन, कोरोना वायरस, कवारेन्टीन, लॉकडाउन और इनके साथ ही एक टर्म थी प्लाज़्मा थेरेपी . न्यूज़ वायरस आज आपको प्लाज़्मा थेरेपी के बारे में सब कुछ ए-टू-जेड तक बता रहा है –
दरअसल प्लाज्मा थेरेपी को मेडिकल साइंस की भाषा में प्लाज्मा फेरेसिस नाम से जाना जाता है… प्लाज्मा थेरेपी ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं से अलग किया जाता है… इसके बाद यदि किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अनहेल्थी टिशू मिलते हैं, तो उसका इलाज समय रहते शुरू किया जाता है…
क्यों की जाती है प्लाज़्मा थेरेपी ?
संक्रमण का पता लगाना – प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य रूप से संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है . काफी सारी बीमारियाँ संक्रमण के द्वारा होती है, इसलिए ऐसी बीमारियों का इलाज करने में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर उपाय साबित होती है
डोनर पार्ट का सही तरीके से काम न करना – वर्तमान समय में काफी सारे ट्रांसप्लांट किए जाते हैं, मगर कई बार ये असफल साबित हो जाते हैं . जब ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों के लिए डोनर पार्ट सही तरीके से काम नहीं करता है, तब उन्हें प्लाज्मा थेरेपी सहायता करती है .
खेल में चोट लगना – कई बार, खेल में चोट का इलाज करने के लिए प्लाज्मा फेरेसिस का सहारा लिया जाता है . इस प्रकार, इस थेरेपी को स्पोर्ट्स इंजरी को ठीक करने के लिए भी किया जाता है .
मायस्थीनिया ग्रेविस का इलाज करना – मायस्थीनिया ग्रोविस से ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें लोगों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं . जब कोई व्यक्ति मायस्थीनिया ग्रोविस से पीड़ित होता है, तो उसका इलाज करने के लिए डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी की सहायता करते हैं.
गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज करना – गुलियन बेरी सिंड्रोम रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने की बीमारी है, जिसका असर लोगों की सेहत पर पड़ता है और उनके बीमार होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है .अक्सर,प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज करने के लिए भी किया जाता है .
क्या हैं प्लाज़्मा थेरेपी के फायदे –
प्लाज्मा थेरेपी कराने का सबसे बड़ा लाभ रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है. जिन लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर या मजबूत होती है, उनके बीमार होने की संभावना काफी कम रहती है.
यह थेरेपी चेहरे,बाल,चेहरे इत्यादि से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान करने में भी कारगर साबित होती है. इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी से इन समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है.
जहां एक ओर, कुछ सर्जरी में काफी समय लगता है, वहीं दूसरी प्लाज्मा थेरेपी में काफी कम (3-5 घंटे) का समय लगता है. इसकी वजह से, लोगों को इस थेरेपी को कराने पर समय की बर्बादी नहीं होती है.
प्लाज्मा थेरेपी का अन्य लाभ दर्द महसूस न होना भी है. जब इस थेरेपी को किया जाता है, तो इसे कराने वाले लोगों को किसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है.
इस थेरेपी के काफी सारे ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें इसे कराने वाले लोगों को आराम मिलता है. इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी का अन्य लाभ जल्दी रिजल्ट आना या दिखना है.
तो इसी लिए प्लाज़्मा थेरेपी का चलन अचानक से बढ़ गया है , क्यूंकि ये कुछ छोटी बड़ी बीमारियों में कारगर हैं और सबसे ख़ास बात ये है की प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज के दौरान समय की बहुत बचत हो जाती है.