डोईवाला के रहने वाले सतवीर सिंह ने 16 अगस्त को थाना डोईवाला पर सूचना दी कि दिनांक15 अगस्त को उनके भाई गुरदेव सिंह का ट्रक एल0पी0टी0 1613 टर्बो वाहन संख्या यू0ए0 07 R 8929 जो उनके घर नुन्नावाला, भानियावाला के पास खडा किया गया था, रात में अज्ञात लोगों द्वारा चोरी कर लिया गया है। इस सूचना के आधार पर थाना डोईवाला में केस दर्ज़ किया गया और जिसकी विवेचना चौकी प्रभारी जौलीग्रांट उ0नि0 उत्तम सिंह रमोला के सुपुर्द की गई।
चूंकि उक्त अपराध देहरादून- हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटित हुआ था , इसलिए अपराध की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी डोईवाला के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक डोईवाला को जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने के निर्देश दिए।
इसके बाद प्रभारी निरीक्षक डोईवाला ने 3 टीमें बनाकर सभी को अलग-अलग टास्क देकर रवाना किया गया । इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर भी बाहर से आने जाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के सम्बन्ध में लाभप्रद जानकारी संकलित करने हेतु एक टीम का गठन किया गया। अनावरण हेतु गठित टीमों द्वारा तत्काल उनको दिये गये टास्क पर पूर्ण रूप से कार्य करते हुए पूर्व में वाहन चोरी में जेल गये अभियुक्तों की जानकारी करते हुए मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया। गठित टीम में से एक टीम द्वारा सीसीटीवी फुटेज चेक करना प्रारम्भ किया गया, जिसमें चोरी किया गया ट्रक हरिद्वार की तरफ ले जाते दिखाई दिए। इसके अतिरिक्त घटना से पूर्व घटनास्थल को आने जाने वाले वाहनों को भी चेक किया गया ताकि अभियुक्तों के आने के रास्ते का पता चल सके।
अनावरण हेतु गठित टीमों द्वारा आपसी सामन्जस्य रखते हुए तथा 83 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक करते हुए लंढौरा हरिद्वार से चोरी किये गये ट्रक को बरामद करते हुए घटना में शामिल रहे 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। 1 अभियुक्त आसिफ मौके से भागने में सफल रहा, भागे हुए अभियुक्त के गिरफ्तारी के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
जान लीजिये क्या था अपराध करने का तरीका- शातिर अभियुक्त घूमते फिरते हुए सुनसान स्थानों पर खडे ऐसे वाहनों को चिन्हित कर लेते हैं जो काफी दिनों से प्रयोग में नहीं लाये जा रहे हो, उसके पश्चात रात्रि में मौका देखकर वाहन चोरी कर लेते हैं। उक्त अभियुक्तों में से आसिफ वाहन को काटकर उसके पार्टस अलग-अलग करके बेच देता है। मामले का खुलासा 24 घंटे से भी कम समय में पुलिस टीम द्वारा किया गया है । यदि घटना का अनावरण तत्काल नहीं किया जाता तो चोरी किया गया वाहन काटकर बेच दिया जाता और अभियुक्त गणों तक पहुंचना पुलिस टीम के लिए अत्यंत दुष्कर हो जाता।